अदृश्य कवच बनकर कुदरत के कहर से किसानों की रक्षा कर रही यह योजना, जानिए कहां और कैसे करें आवेदन

बंजर जमीन को पसीने से सींचकर देश का पेट भरने का माद्दा रखने वाला अन्नदाता फसल बर्बाद होने पर कई बार आत्महत्या को मजबूर हो जाता है. किसानों की इस व्यथा को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएम-एफबीवाई) चला रही है. जानिए कैसे लें इसका लाभ.

केंद्र सरकार की फसल बीमा योजना किसानों को वित्तीय मजबूती दे रही है इससे किसानों को फसल खराब होने की वजह से चिंतित रहने की जरूरत नहीं होती है. Image Credit: Freepick

सर्दी-गर्मी की परवाह किए बिना महीनों की मेहनत, कई दिन का आराम और रातों की नींद त्यागकर किसान फसल के साथ खेतों में छोटे-छोटे सपने भी बोता है. इन सपनों में बच्चों की पढ़ाई, घर की मरम्मत, कर्ज चुकाना और शादी-ब्याह रचाना शामिल होता है. लेकिन, कई बार कुदरत बहुत बेरहम हो जाती है और खेतों में खड़ी फसल के साथ ही उसके सपनों पर कभी पानी फेर देती है, तो कभी आग उगल देती है. ऐसे हालात में बंजर जमीन को पसीने से सींचकर देश का पेट भरने का माद्दा रखने वाला अन्नदाता बुरी तरह टूट जाता है और कई बार आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम उठा लेता है. किसानों की इस व्यथा को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएम-एफबीवाई) चला रही है. इसके तहत प्राकृतिक आपदाओं से फसल बर्बाद होने पर किसानों को मुआवजा दिया जाता है. इस तरह फसल बीमा योजना अदृश्य कवच की तरह किसानों को कुदरत के कहर के खिलाफ सुरक्षा देती है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य

इस योजना का मकसद किसानों को अप्रत्याशित घटनाओं के खिलाफ मजबूत बनाना और कृषि को मौसमी परिस्थितियों के खिलाफ लचीला बनाना है. इसके साथ ही यह किसानों आय में निरंतरता और स्थिरता लाने का भी जरिया है. योजना के चलते फसल बुरी तरह से बर्बाद होने के बाद भी किसान की वित्तीय योजनाएं और जीवन प्रभावित नहीं होता है. इसके अलावा वह कर्ज के जाल में भी फंसने से बच जाता है और आगे भी खेती के लिए फिर तैयारी हो जाता है.

कितनी फसल पर कितना प्रीमियम

पीएम फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को तय दर पर प्रीमियम का भुगतान करना होता है. हालांकि, प्रीमियम राशि बेहद कम होती है. इसके अलावा कई मामलों में प्रीमियम भुगतान के लिए भी सरकार से मदद मिल जाती है. खरीफ की सभी फसलों के लिए प्रीमियम राशि बीमा राशि (सम इंश्योर्ड) या बीमांकिक दर (एक्चुरियल वैल्यूएशन) के 2 फीसदी या दोनों में से जो भी कम हो उसके बरारबर होती है. इसी तरह रबी की फसलों के लिए यह 1.5 फीसदी और बागवानी फसलों के लिए 5 फीसदी होती है. इस योजना के तहत किसानों को सामूहिक व व्यक्तिगत दोनों तरह से हुए नुकसान पर बीमा का लाभ मिलता है.

कर्ज लेने वाले किसानों को फायदा

इस योजना के तहत उन किसानों की फसलों का बीमा अपने आप हो जाता है, जिन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड या सहकारी बैंकों से कर्ज ले रखा है. अगर आपने कर्ज नहीं ले रखा है और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो इसके पोर्टल www.pmfby.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. इस योजना के तहत जमीन का स्वामित्व रखने वाले किसानों के साथ ही बंटाईदार किसानों को भी शामिल किया गया है. बंटाईदार किसानों को केवल उसी जिले में इस योजना का लाभ मिलेगा, जिसके वे मूलनिवासी हैं.

आवेदन के लिए ये दस्तावेज जरूरी

फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक के पास पास आधार से लिंक बैंक खाता होना जरूरी है. इसके अलावा खेत का खसरा नंबर, निवास प्रमाण पत्र, अगर खेत किराये पर है, तो मालिक के साथ किरायानामा होना जरूरी है.

72 घंटे में दें जानकारी

किसान को अपनी फसल बर्बाद होने के 72 घंटे के भीतर पोर्टल या किसान क्रॉप इंश्योरेंस ऐप के जरिये जानकारी देनी होती है. इसके अलावा बीमा कंपनियों के टोल फ्री नंबर पर कॉल के जरिये भी किसान इसकी जानकारी दे सकते हैं. किसान की तरफ से जानकारी दिए जाने के बाद बीमा कंपनी खेतों का मुआयना कराती है, जिसके आकलन और सत्यापन की रिपोर्ट के आधार बीमा की रकम किसानों के खातों में जमा करा दी जाती है.