सुजुकी-टोयोटा को झटका; हाइब्रिड कारों पर जारी रहेगा 48% टैक्स, 60 हजार इलेक्ट्रिक बसों की होगी खरीद

देश में सबसे पहले स्ट्रॉन्ग हाइब्रिट लाने वाली मारुति सुजुकी के साथ ही टोयोटा जैसी प्रमुख कार निर्माता कंपनियां हाइब्रिड कारों पर टैक्स घटाने की मांग कर रही हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक कारों की तर्ज पर हाइब्रिड कारों पर भी रजिस्ट्रेशन शुल्क खत्म कर दिया है. ऐसे में उम्मीद थी कि सरकार इन कारों पर टैक्स में कमी कर सकती है.

60 हजार इलेक्ट्रिक बसों में से 10 हजार के लिए निविदाएं जल्द आमंत्रित की जाएंगी. Image Credit: Credit: TV9 Network

मारुति सुजुकी और टोयोटा जैसी कार बनाने वाली कंपनियों के लिए मंगलवार को बड़ा झटका लगा है. नीति आयोग के पूर्व सीईओ और जी-20 में भारत के शेरपा रहे अमिताभ कांत ने साफ कर दिया है कि फिलहाल देश में हाइब्रिड कारों पर कर छूट की कोई उम्मीद नहीं जा सकती है. कांत ने कहा कि देश में फिलहाल हाइब्रिड कारों पर 48% की दर से टैक्स वसूला जाता रहेगा. इसक साथ ही कांत ने बताया कि जल्द ही केंद्र सरकार 60 हजार इलेक्ट्रिक बसों की खरीद करेगी.

नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में मर्सिडीज बेंज सस्टेनिबिलिटी डायलॉग इंडिया 2024 को संबोधित करते हुए कांत ने कहा, हमारे पास एक नीतिगत ढांचा है, जिसके तहत हाइब्रिड वाहनों पर कर 48 फीसदी की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर सिर्फ 5 फीसदी कर की व्यवस्था है. हम इस ढांचे को लंबे समय तक जारी रखने का इरादा रखते हैं. हमारी नीतिगत रूपरेखा यह है कि हम भारत में बहुत बड़े पैमाने पर बैटरी विनिर्माण को बढ़ावा दें.

कांत ने कहा कि हमारा लक्ष्य साफ है कि भारत को 2070 तक कार्बन मुक्त बनाना है. नीतिगत ढांचा भी इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. इसी वजह से कॉर्पोरेट औसत ईंधन दक्षता (CAFE) मानदंडों सहित सभी उपलब्ध तरीकों से देश में मोबिलिटी के अधिकतम इलेक्ट्रिफिकेशन पर जोर दिया जा रहा है. हालांकि, कुछ वाहन निर्माता इस लक्ष्य को हासिल किए जाने के रास्ते को लेकर बंटे हुए हैं.

असल में मारुति सुजुकी, टोयोटा और होंडा जैसी जापानी कंपनियां हाइब्रिड वाहनों पर कर कटौती के लिए सरकार पर दबाव डाल रही हैं. इन कंपनियों का तर्क है कि अकेले इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उत्सर्जन कम करने के लक्ष्य का पूरा बोझ नहीं उठा सकते हैं. दूसरी तरफ टाटा मोटर्स, हुंडई, किआ और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियां इस बात पर जोर दे रही हैं कि सरकार ईवी को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध रहे क्योंकि इसी तरीके से देश की सड़कों को कार्बन मुक्त किया जा सकता है.

ग्रीन चार्जिंग स्टेशन बनाने पर जोर

अमिताभ कांत ने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी ग्रीन एनर्जी से जोड़ने पर जोर दिया जा रहा है. सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक चार्जिंग स्टेशन को अक्षय ऊर्जा से जोड़ा जाए. आगे की योजनाओं में किफायती अक्षय ऊर्जा सरकार के केंद्रीय लक्ष्यों में शामिल है.