त्योहारों पर डिजिटल पेमेंट का धमाका! अक्टूबर में UPI ट्रांजैक्शन्स 2,070 करोड़ के पार, ₹27.28 लाख करोड़ का हुआ लेनदेन
अक्टूबर में भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने नया इतिहास रच दिया. त्योहारों के मौसम और सरकार की टैक्स राहत नीतियों के चलते UPI ट्रांजैक्शन्स वॉल्यूम और वैल्यू दोनों में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए. एक महीने में 20.70 बिलियन ट्रांजैक्शन्स हुए जिनकी वैल्यू 27.28 लाख करोड़ रुपये रही.
UPI Transactions October: भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे बड़ा माध्यम बन चुके यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने एक बार फिर नया इतिहास रच दिया है. अक्टूबर 2025 में UPI ट्रांजैक्शन ने वॉल्यूम और वैल्यू दोनों के मामले में अब तक का सबसे ऊंचा स्तर छू लिया. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, त्योहारों के मौसम में बढ़े खर्च और सरकार की टैक्स राहत नीतियों ने इस शानदार उछाल में अहम भूमिका निभाई.
अक्टूबर में रिकॉर्ड तोड़ ट्रांजैक्शन
आधिकारिक डेटा के मुताबिक, अक्टूबर में कुल 2,070 करोड़ UPI ट्रांजैक्शन्स दर्ज किए गए जो सालाना आधार पर करीब 25 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाते हैं. इन ट्रांजैक्शन की कुल वैल्यू 27.28 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो एक नया माइलस्टोन है. यह स्पष्ट संकेत है कि भारत में कैशलेस अर्थव्यवस्था तेजी से अपनी पकड़ मजबूत कर रही है और लोग बड़े स्तर पर डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल रोजमर्रा की जरूरतों के लिए कर रहे हैं.
दिवाली के दौरान UPI की जबरदस्त उछाल
त्योहारों के मौसम, खासतौर पर धनतेरस और दिवाली के दौरान डिजिटल पेमेंट्स ने दमदार रफ्तार पकड़ी. 18 अक्टूबर को अकेले एक दिन में UPI प्लेटफॉर्म ने 754 मिलियन ट्रांजैक्शन्स प्रोसेस किए, जिनकी कुल वैल्यू 1.02 लाख करोड़ रुपये थी. ये अब तक का सिंगल डे रिकॉर्ड है. धनतेरस से दिवाली तक के तीन दिनों में औसतन 736.9 मिलियन ट्रांजैक्शन हुए, जो पिछले महीने के इसी अवधि के औसत 647.46 मिलियन से काफी ज्यादा थे. साफ है कि त्योहारों से पहले और उस दौरान बड़े स्तर पर यूजर्स ने यूपीआई का इस्तेमाल किया है.
ग्रोथ रेट में हल्की गिरावट, लेकिन स्थिरता के संकेत
हालांकि अक्टूबर में UPI ने नया रिकॉर्ड बनाया, लेकिन वार्षिक ग्रोथ रेट (YoY growth) में कुछ नरमी देखी गई. अप्रैल 2022 में जहां ट्रांजैक्शन्स की सालाना बढ़ोतरी 111.4 फीसदी और वैल्यू में 99.2 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी, वहीं अब यह दर लगातार घट रही है. यह ग्रोथ में स्थिरता का संकेत है यानी UPI अब विकास के “सस्टेनेबल फेज” में प्रवेश कर रहा है, जहां ट्रांजैक्शन का स्तर ऊंचा रहेगा लेकिन रफ्तार संतुलित रहेगी.
सरकार की नीतियों और GST 2.0 का असर
इस बार त्योहारों के दौरान ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी सिर्फ मौसमी नहीं थी, बल्कि GST 2.0 के लागू होने और आयकर राहत जैसे कदमों से भी लोगों की खरीद क्षमता में इजाफा हुआ. इसके चलते UPI के जरिए पेमेंट्स में तेज उछाल देखने को मिला. डिजिटल पेमेंट्स के बढ़ते इस्तेमाल से यह साफ है कि भारत अब नकदी से डिजिटल की ओर मजबूती से बढ़ रहा है. UPI ने न सिर्फ शहरी, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी अपनी पकड़ बना ली है. QR कोड पेमेंट, मोबाइल वॉलेट्स और बैंकिंग ऐप्स के जरिए हर तबके का व्यक्ति अब डिजिटल पेमेंट्स से जुड़ चुका है.
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