एयर इंडिया हादसे में पायलटों को बदनाम करने पर फूटा गुस्सा, FIP ने WSJ और Reuters को भेजा लीगल नोटिस

Air India की एक दुखद उड़ान और उस पर आई रिपोर्टिंग अब एक नए विवाद में बदल गई है. दो बड़ी अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थाएं अब भारत में कानूनी पचड़े में हैं. आखिर क्या कहा गया था उन रिपोर्ट्स में, जिससे मचा इतना हंगामा? पढ़ें पूरी कहानी, बिना कयासों के सच!

एयर इंडिया हादसा Image Credit: Canva/ Money9

अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI171 मामले में अब नया मोड़ आ गया है. पायलटों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने Reuters और The Wall Street Journal (WSJ) को लीगल नोटिस भेजा है. आरोप है कि दोनों अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने इस दुखद हादसे को लेकर अपुष्ट और अटकलों पर आधारित खबरें प्रकाशित की हैं, जिससे मृत पायलटों की छवि को नुकसान पहुंचा है.

किस बात पर आपत्ति है FIP को?

FIP ने WSJ की रिपोर्ट “New Details in Air India Crash Probe Shift Focus to Senior Pilot” और Reuters की रिपोर्ट “Air India crash probe shift focus on action of plane’s captain – WSJ reports” को आधार बनाकर यह नोटिस भेजा है. FIP का कहना है कि ये रिपोर्ट्स गुमनाम सूत्रों और सेकेंडरी सोर्स पर आधारित हैं और इनका कोई सरकारी पुष्टि या जांच से संबंध नहीं है.

FIP का आरोप है कि इन रिपोर्टों में पायलटों की भूमिका को बिना किसी ठोस सबूत के दोषी ठहराने की कोशिश की गई है, जो न केवल मानसिक पीड़ा पहुंचाता है बल्कि पेशेवर प्रतिष्ठा को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है.

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क्या चाहते हैं पायलट संगठन?

FIP ने WSJ और Reuters से मांग की है कि वे ऐसी खबरों का प्रकाशन तत्काल रोकें, वर्तमान रिपोर्टों को संशोधित करें, और उसमें स्पष्ट उल्लेख करें कि अब तक किसी जांच एजेंसी ने पायलटों को दोषी नहीं ठहराया है. अगर ऐसा नहीं किया गया, तो FIP मानहानि और मानसिक उत्पीड़न के तहत कानूनी कार्रवाई कर सकता है.