इस कंपनी ने किया DRDO से डील, शेयर कीमत 5 रुपये से कम

कंपनी ने DRDO के एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी (ASL), हैदराबाद के साथ मिलकर ग्रैन्यूल्स फॉर बायोडिग्रेडेबल बैग्स जैसी तकनीक पर काम करने फैसला किया है. इस तकनीक से पारंपरिक प्लास्टिक बैग्स का एक किफायती और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प मिल सकता है.

Vikas Lifecare Limited. Image Credit: TV9 Bharatvarsh

Penny Stock: कल यानी सोमवार Vikas Lifecare Limited के शेयरों में सोमवार, 16 दिसंबर को करीब 6 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई थी. यह उछाल तब देखा गया जब कंपनी द्वारा डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के साथ एक खास टेक्नोलॉजी ट्रांसफर एग्रीमेंट किया. आइए आपको बताते हैं कि कंपनी ने DRDO के साथ मिलकर क्या समझौता किया है. जिससे शेयर में उछाल देखा गया है.

DRDO के साथ साझेदारी

Vikas Lifecare Limited ने DRDO के एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी (ASL), हैदराबाद के साथ मिलकर ग्रैन्यूल्स फॉर बायोडिग्रेडेबल बैग्स जैसी तकनीक पर काम करने फैसला किया है. इस तकनीक से पारंपरिक प्लास्टिक बैग्स का एक किफायती और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प मिल सकता है. DRDO, जो मुख्य रूप से रक्षा और सामरिक तकनीकों के लिए जाना जाता है. अब यह पर्यावरणीय स्थिरता और औद्योगिक इनोवेशन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण अनुसंधान किया है. Vikas Lifecare को बायोडिग्रेडेबल ग्रैन्यूल्स के उत्पादन और मार्केटिंग के लिए 10 साल का लाइसेंस दिया गया है.

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Vikas Lifecare के शेयरों का प्रदर्शन

Vikas Lifecare के शेयरों का भाव कल बाजार बंद होने तक 4.54 रुपये था. हालांकि, यह अभी भी अपने 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर 7.92 रुपये से 42 फीसदी कम है. वहीं, यह अपने 52 सप्ताह के न्यूनतम स्तर 4.05 रुपये से 13 फीसदी ऊपर है. शेयर ने पिछले एक महीने में 7 फीसदी से ज्यादा की रिटर्न दिया है. वहीं एक साल में इसमें गिरावट देखी गई है लेकिन 5 साल में काउंटर ने 75 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. पिछले एक साल में इस काउंटर ने मिलाजुला प्रदर्शन दिखाया है. नवंबर में यह स्टॉक 7 फीसदी गिरा था, लेकिन दिसंबर में अब तक की 6 फीसदी रिकवरी देखी गई है. यदि कंपनी अपनी बायोडिग्रेडेबल तकनीक के जरिए बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करती है.

बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक के फायदे

कंपनी ने बताया कि DRDO द्वारा विकसित यह तकनीक परंपरागत प्लास्टिक बैग्स की जगह ले सकती है जो आर्थिक रूप से भी लाभदायक साबित हो सकता है. अनुमान है कि भारतीय प्लास्टिक पैकेजिंग बाजार, जो 2024 में $21.77 बिलियन का था, 2029 तक $25.35 बिलियन तक पहुंच जाएगा.

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