09 March 2025
Satish Vishwakarma
दिल्ली-NCR में बढ़ते ट्रैफिक जाम और लंबी यात्रा से राहत दिलाने के लिए दो बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स चर्चा में है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS).
दोनों का मकसद यात्रियों को तेज और सुविधाजनक सफर देना है, लेकिन सवाल उठता है कि दोनों में से किससे हम दिल्ली जल्दी पहुचेंगे. आइए जानते हैं.
किससे पहुंचेंगे जल्दी
अगर समय की बात करें तो रैपिड रेल का सफर काफी तेज होगा. साहिबाबाद से सराय काले खां तक यह यात्रा महज 12-15 मिनट में पूरी हो जाएगी, जबकि एक्सप्रेसवे से कार या बस द्वारा यही सफर 25-30 मिनट या उससे अधिक लग सकता है
सफर की दूरी और टाइमिंग
जहां रैपिड रेल पूरी तरह ट्रैफिक-फ्री, डेडिकेटेड ट्रैक पर चलेगी वहीं एक्सप्रेसवे ट्रैफिक से प्रभावित, खासकर पीक आवर्स में जाम लग सकता है.
ट्रैफिक से राहत
रैपिड रेल से अनुमानित किराया 30 से 50 रुपया (साहिबाबाद से सराय काले खां). वहीं एक्सप्रेसवे से टोल टैक्स और फ्यूल मिलाकर 100-200 रुपये तक हो सकता है.
सफर का खर्च
रैपिड रेल साहिबाबाद, गाजियाबाद, दुहाई समेत कई स्टेशन, लेकिन बिना रुकावट तेज चलेगा. वहीं एक्सप्रेसवे हर वाहन अपनी रफ्तार से चलेगा, लेकिन एंट्री-एग्जिट पॉइंट्स ट्रैफिक बढ़ा सकते हैं.
कनेक्टिविटी और स्टॉप्स
रैपिड रेल में AC कोच, आरामदायक सीटिंग का आनंद ले सकते हैं. वहीं एक्सप्रेसवे पर आप अपनी कार या कैब में सफर का आराम लेकिन ट्रैफिक तनाव बढ़ा सकता है.
आरामदायक सफर
अगर आपको तेज़, ट्रैफिक-फ्री और किफायती सफर चाहिए, तो रैपिड रेल बेस्ट ऑप्शन है. वहीं अगर आप फ्लेक्सिबिलिटी और प्राइवेसी चाहते हैं, तो एक्सप्रेसवे सही रहेगा.
किसे चुनना बेहतर?