19 Apr 2025
Pradyumn Thakur
समय के साथ भारत में हीरे खरीदने वाले की तादाद बढ़ती जा रही है. सोने और चांदी के साथ मिलकर बने हीरे के आभूषणों ने खरीदारों में धूम मचा दी है.
हीरे खरीदना लोगों के लिए गर्व और स्टेटस का सिंबल बनता जा रहा है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हीरे की कीमत कैसे तय होती है और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
हीरे की कीमत उसकी मांग के हिसाब से तय होती है. इसमें मेकिंग चार्जेस भी जोड़े जाते हैं.
हीरे की क्वालिटी को 4C के जरिए चेक करते हैं. इसमें कलर,क्लैरिटी, कट और कैरेट वजन शामिल हैं. रंगहीन सबसे अच्छा और पीला सबसे खराब क्वालिटी का हीरा होता है.
हीरे के कट की क्लैरिटी जितनी अच्छी होगी हीरा उतना ही महंगा होगा. हीरे के 1 कैरेट का वजन 200 मिलीग्राम होता है. हीरे को मापने के लिए carat (CT) का यूज करते हैं.
हीरे के क्वालिटी को चेक करने के लिए FL और I3 जैसे टर्म्स का इस्तेमाल करते है. FL क्लैरिटी का हीरा बेहतर, जबकि I3 खराब के कैटेगरी में आती है.