16 Apr 2025
Vinayak singh
जोड़ों का दर्द अब सिर्फ बुज़ुर्गों की बीमारी नहीं रह गई है. कम उम्र में भी आर्थराइटिस जैसे रोग दिखने लगे हैं. समय रहते लक्षण पहचानना बेहद जरूरी है.
एक ऑटोइम्यून रोग जिसमें इम्यून सिस्टम खुद शरीर के जोड़ों पर हमला करता है. सुबह उठते समय अकड़न, सूजन और थकान इसके आम लक्षण हैं. यह युवाओं में भी शुरू हो सकता है.
रूमेटॉइड आर्थराइटिस
इसमें जोड़ों की कार्टिलेज घिस जाती है, जिससे हड्डियां आपस में रगड़ती हैं. दर्द, अकड़न और ग्राइंडिंग जैसी आवाजें महसूस होती हैं. अधिक वजन या पुरानी चोट इसकी वजह हो सकती है.
ऑस्टियोआर्थराइटिस
इसमें शरीर में यूरिक एसिड क्रिस्टल बनकर जोड़ों में जमा हो जाते हैं. इसमें तेज दर्द, सूजन और जलन होती है, खासकर पैरों के अंगूठे और घुटनों में. खराब डाइट और लाइफस्टाइल इसका बड़ा कारण हैं.
गठिया
यह सोरायसिस से जुड़ी आर्थराइटिस है. इसमें त्वचा पर रैशेस और उंगलियों-पैरों में सूजन व दर्द होता है. अकड़न सुबह के समय ज्यादा महसूस होती है.
सोरियाटिक आर्थराइटिस
यह भी एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो पूरे शरीर को प्रभावित करती है. थकान, बुखार और कई जोड़ों में दर्द इसके प्रमुख लक्षण हैं. यह बीमारी महिलाओं में अधिक पाई जाती है.
ल्यूपस
यूरिन या आंतों के संक्रमण के बाद जोड़ों में दर्द और सूजन हो सकती है. हल्का बुखार, आंखों में जलन और यूरिन से जुड़ी समस्याएं साथ में हो सकती हैं.
संक्रमण से होने वाली गठिया
मोटापा, खराब खानपान और एक्सरसाइज की कमी से जोड़ों पर दबाव बढ़ता है. विशेष रूप से घुटनों और कूल्हों में दर्द शुरू होता है. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरूरी है.
खराब जीवनशैली का असर
लगातार स्ट्रेस और नींद की कमी से शरीर में सूजन बढ़ सकती है. इसका असर जोड़ों पर भी होता है हल्का लेकिन लगातार दर्द. इसका मानसिक और शारीरिक सेहत से गहरा संबंध है.
तनाव और नींद की कमी