Bankatesh kumar
08 Feb 2025
तेजी से बढ़ती आबादी और शहरीकरण के चलते खेती की जमीन सिकुड़ती जा रही है. ऐसे में शहर से लेकर गांवों तक में टेरेस फार्मिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है.
लोग घर की छत या बालकनी में गमले के अंदर साग, सब्जी और फलों की खेती कर रहे हैं. इससे लोगों को ताजी-ताजी हरी सब्जियां खोने को मिल रही हैं.
हरी सब्जियां
साथ ही महंगाई में पैसों की बचत भी हो रही है. यही वजह है कि बिहार सरकार भी टेरेस फार्मिंग को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए उसने सब्सिडी देने का फैसला किया है.
टेरेस फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग की ओर से छत पर बागवानी योजना – फार्मिंग बेड योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत घर की छत या बालकनी में बागवानी करने वाले लोगों को सब्सिडी दी जाएगी.
इस योजना के तहत कोई भी घर की छत पर जैविक विधि से फल, फूल और सब्जियां उगा सकता है. इसके लिए उसे छत पर बागवानी योजना के तहत सब्सिडी दी जाएगी.
यानी बागवानी करने वाले लोगों को अपनी जेब से बहुत कम पैसे खर्च करने पड़ेंगे.उद्यान निदेशालय ने छत पर बागवानी योजना के तहत 75 फीसदी सब्सिडी देने का फैसला किया है.
वहीं, टेरेस फार्मिंग के लिए इकाई लागत 48574 रुपये तय की गई है. यानी अगर आप टेरेस फार्मिंग शुरू करते हैं, तो इकाई लागत 48574 रुपये पर सरकार से 75 फीसदी सब्सिडी मिलेगी.
इसका मतलब आपको अपनी जेब से 12,143 रुपये ही खर्च करने पड़ेंगे. जबकि, 36 हजार रुपये से अधिक आपको सब्सिडी के रूप में मिलेंगे. योजना का लाभ केवल पटना, भागलपुर, गया और मुजफ्फरपुर के शहरी लोग ही उठा सकते हैं.
अगर आप इन शहरों के रहने वाले हैं, तो योजना के तहत सब्सिडी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. साथ ही किसान सब्सिडी से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं.