लीडिंग और लैगिंग इंडिकेटर क्या होते हैं?

30 April 2025

Tejas Chaturvedi

लीडिंग इंडिकेटर बताते हैं कि कोई नया ट्रेंड शुरू हो सकता है या पुराना ट्रेंड बदल सकता है. ये जल्दी संकेत देते हैं, लेकिन कभी-कभी गलत भी हो सकते हैं.

लीडिंग इंडिकेटर

RSI, Stochastic Oscillator, On-Balance Volume

उदाहरण

यह एक मोमेंटम इंडिकेटर है जो बताता है कि कोई स्टॉक बहुत ज्यादा खरीदा गया है या बहुत ज्यादा बेचा गया है. इससे यह पता चल सकता है कि अब ट्रेंड पलट सकता है. 

RSI (Relative Strength Index)

यह इंडिकेटर स्टॉक के बंद होने के भाव को उसके पिछले कुछ समय के उच्च और निम्न स्तर से तुलना करता है. इससे यह पता चलता है कि ट्रेंड बदलने वाला है या नहीं. 

Stochastic Oscillator

यह वॉल्यूम के आधार पर भविष्य की कीमत का अनुमान लगाता है. यदि वॉल्यूम बढ़ रही हो लेकिन कीमत न बढ़े, तो इसका मतलब हो सकता है कि जल्दी ही कीमत बढ़ेगी.

On-Balance Volume (OBV)

लैगिंग इंडिकेटर तब संकेत देते हैं जब कोई ट्रेंड पहले से शुरू हो चुका होता है. ये आपको पुष्टि करते हैं कि जो ट्रेंड चल रहा है वह मजबूत है या नहीं.

लैगिंग इंडिकेटर

MACD, Bollinger Bands, Moving Averages 

उदाहरण

यह दो मूविंग एवरेज की तुलना करके बताता है कि ट्रेंड बदल सकता है या चल रहा ट्रेंड मजबूत है.

MACD

यह इंडिकेटर बताता है कि कीमत में कितनी उतार-चढ़ाव है. जब कीमत बैंड के बहुत पास पहुंच जाती है तो यह बताता है कि स्टॉक महंगा या सस्ता हो गया है. 

Bollinger Bands

यह पिछले कुछ दिनों की औसत कीमत दिखाते हैं, जिससे यह समझ आता है कि बाजार का ट्रेंड क्या है और कहां सपोर्ट या रेजिस्टेंस मिल सकता है. 

Moving Averages 

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