शेयर बाजार में नुकसान होने से बचाने वाला फार्मूला

18 April 2025

Tejas Chaturvedi

स्टॉप लॉस एक ऐसा ऑर्डर होता है जो अपने ब्रोकर के पास लगाते हैं, ताकि अगर शेयर का दाम अचानक गिरने लगे तो आपको ज़्यादा नुकसान न हो. 

स्टॉप लॉस 

इसमें एक "स्टॉप प्राइस" तय किया जाता है, और जैसे ही शेयर का भाव उस प्राइस तक पहुंचता है, आपका शेयर अपने आप बिक जाता है. शेयर में भारी गिरावट होने पर भी उसे कोई फर्क नहीं पड़ता.

भारी गिरावट से बचाता है

निवेशक अपने ब्रोकर के साथ स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाता है. जैसे ही शेयर का दाम उस तय स्टॉप प्राइस पर पहुंचता है, ऑर्डर "ट्रिगर" हो जाता है.

स्टॉप लॉस कैसे काम करता है?

जब आपको लगता है कि बाजार आपके नीचे जा सकता है. साथ ही ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता न हो.

स्टॉप लॉस कब लगाएं?

अगर बाजार बहुत तेज़ी से गिरा, तो शेयर तय स्टॉप प्राइस से भी नीचे बिक सकता है.

स्टॉप लॉस की कुछ सीमाएं

शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव भी स्टॉप लॉस को ट्रिगर कर सकते हैं, जिससे आपका शेयर बिना वजह बिक सकता है.

उतार-चढ़ाव से नुकसान

जिस भाव पर आपको लगता हो कि शेयर का प्राइस इससे कम नहीं जाएगा. उसी भाव के आस-पास या थोड़ा नीचे लगाएं.

स्टॉप लॉस कैसे लगाएं?

Money9live किसी स्टॉक में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें. 

डिस्क्लेमर