ट्रंप-पुतिन वार्ता से पहले जेलेंस्की का PM मोदी को फोन! अमेरिका साथ, फिर भारत से क्या चाहता है यूक्रेन?

रूस-यूक्रेन जंग के बीच बड़ी डिप्लोमैटिक हलचल देखने को मिल रही है. एक तरफ जहां इस मामले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने वाले हैं. वहीं, इस मुलाकात से ठीक पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने PM मोदी को फोन किया और UNGA में मिलने का प्रस्ताव रखा है. यह बेहद दिलचस्प है कि अमेरिकी सपोर्ट के बाद भी यूक्रेन अब भारत से मदद मांग रहा है. सवाल उठता है कि आखिर यूक्रेन भारत से क्या चाहता है?

पिछले वर्ष जून में पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच हुई बैठक की तस्वीर Image Credit: X/Narendra Modi

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर दुनियाभर में कूटनीतिक हलचल तेज हो गई है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की. इस दौरान जेलेंस्की ने सितंबर में होने वाले UNGA सत्र के दौरान PM मोदी से मुलाकात का प्रस्ताव भी रखा. वहीं, पीएम मोदी ने इस बातचीत को गर्मजोशी भरा बताते हुए कहा कि भारत हमेशा शांतिपूर्ण समाधान की वकालत करता आया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा भारत हर संभव तरीके से योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा भी जताई.

पीएम मोदी ने क्या कहा?

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि भारत लगातार इस बात पर जोर देता रहा है कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान बातचीत और कूटनीति के जरिये होना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर संभव योगदान देने के लिए तैयार है. साथ ही, उन्होंने यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा भी जताई.

जेलेंस्की ने क्यों कहा शुक्रिया?

जेलेंस्की ने कहा, पीएम मोदी के साथ हुई लंबी बातचीत के दौरान द्विपक्षीय सहयोग और मौजूदा कूटनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई. इसके साथ ही उन्होंने यूक्रेनी जनता के लिए पीएम मोदी के गर्मजोशी भरे समर्थन के लिए आभार जताया. अपने सोशल मीडिया पोस्ट में जेलेंस्की ने पीएम मोदी को रूस के हालिया हमलों की जानकारी भी दी. इसके साथ ही कहा कि उन्होंने भारत से रूसी तेल आयात में कटौती की अनुरोध भी किया है. इसके साथ ही जेलेंस्की ने कहा कि कूटनीतिक प्रयासों के बावजूद रूस ने अब तक युद्ध रोकने की कोई इच्छा नहीं दिखाई है.

भारत से क्या चाहता है यूक्रेन?

जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन के भविष्य से जुड़े फैसले उसकी भागीदारी से होने चाहिए. किसी वैकल्पिक कूटनीतिक प्रयास से से कोई सार्थक नतीजा नहीं निकलेगा. असल मे जेलेंस्की को ट्रंप और पुतिन के बीच होने वाली बातचीत में अभी तक नहीं बुलाया गया है. जेलेंस्की की सबसे बड़ी चिंता यही है कि कहीं ट्रंप और पुतिन उनके बिना कोई समझौता नहीं कर लें और यूक्रेन को अपनी जमीन रूस को सौंपनी पड़े. जेलेंस्की ने पीएम मोदी को फोन किया, क्योंकि भारत लगातार इस बात पर जोर देता रहा है कि यूक्रेन में स्थायी समाधान रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत से ही निकल सकता है. ऐसे में इस मामले में जेलेंस्की भारत का समर्थन चाहते हैं. इसके साथ ही यह भी चाहत हैं कि पुतिन इस बातचीत यूक्रेन को शामिल होने का मौका दें.