26 Apr 2025
VIVEK SINGH
राजस्थान के थार रेगिस्तान में बसा जोधपुर नीले घरों की भूलभुलैया है. यहां नीला रंग घरों को ठंडा रखने और कीड़े भगाने के लिए इस्तेमाल हुआ. जोधपुर की गलियां और घर सुकून भरा नजारा पेश करते हैं.
1876 में प्रिंस ऑफ वेल्स के स्वागत के लिए जयपुर को गुलाबी रंग में रंगा गया था. आज भी यहां की गलियां, महल और बाजार गुलाबी चमक बिखेरते हैं, जो हर पर्यटक का मन मोह लेते हैं.
गुलाबी शहर: जयपुर
गंगा घाटों पर सुबह-शाम रंगों का अद्भुत नज़ारा मिलता है. भगवा पहने साधु, रंगीन फूलों की मालाएं और जलते दीयों की आभा मिलकर एक जादुई वातावरण बनाते हैं.
रंगों का संगम: वाराणसी
पुड्डचेरी का फ्रेंच क्वार्टर हल्के पीले विला, बेबी ब्लू शटर और दीवारों पर बोगनविलिया के फूलों से सजा है. इसकी खूबसूरती में फ्रेंच आर्किटेक्चर का शानदार नमूना है
फ्रेंच रिवेरा: पुड्डचेरी
मदुरै का मीनाक्षी मंदिर 17वीं सदी से हजारों रंगीन मूर्तियों से सजा है. यहां के हरे मूर्तियां, गुलाबी खंभे और नीली छतें इस मंदिर को बेहद खास बनाते हैं और आस्था से भर देते हैं.
मंदिरों का शहर: मदुरै
अमृतसर का स्वर्ण मंदिर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. सूर्यास्त के समय मंदिर की सुनहरी परछाई अमृत सरोवर में चमकती है, जो इसे एक शानदार नजारा बना देती है. यहां का लोक पहनावा भी रंगीन है.
स्वर्ण नगरी: अमृतसर
भारत के ये शहर सिर्फ रंगों से नहीं, बल्कि संस्कृति, इतिहास और परंपराओं से भी भरपूर हैं. हर गली, हर मोड़ पर एक अलग रंग की कहानी बिखरी है.
भारत में रंगीन गलियों का जादू
इन रंगीन शहरों को घूमने के लिए अक्टूबर से मार्च तक का समय सबसे अच्छा माना जाता है. ठंडे मौसम में इन शहरों की खूबसूरती और भी निखर कर सामने आती है और यात्रा का अनुभव यादगार बन जाता है.
यात्रा के लिए बेस्ट टाइम