कैसे करें कपास की खेती की तैयारी, जानिए A to Z फॉर्मूला

27 Apr 2025

Vinayak singh 

देश के गुजरात, महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्यों में कपास की खेती बड़े स्तर पर की जाती है. ऐसे में किसानों ने कपास की बुवाई की तैयारियां शुरू कर दी हैं. किसान कम लागत में ज्यादा पैदावार चाहते हैं, इसी को देखते हुए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने एक एडवाइजरी जारी की है.

कपास की खेती की तैयारी

देसी कपास की बुवाई अप्रैल के अंत तक पूरी कर ली जाती है, जबकि बीटी नरमा कपास की बुवाई मध्य मई तक की जाती है. बुवाई सुबह या शाम के समय करनी चाहिए.

कब करनी चाहिए बुवाई

बुवाई से पहले खेतों की अच्छी तरह सिंचाई करनी चाहिए, ताकि खेत में नमी बनी रहे. कपास की बुवाई हमेशा कतार में करनी चाहिए और कतारों के बीच की दूरी 100x45 सेमी या 67.5x60 सेमी रखने का प्रयास करें.

क्या बरतें सावधानियां

कपास की फसल को खरपतवार से बचाने के लिए स्टोम्प दवा को 2 लीटर प्रति एकड़ की दर से छिड़कना चाहिए. यह छिड़काव बुवाई के तुरंत बाद या जमाव से पहले किया जाता है.

खरपतवार से कैसे बचाएं

बीटी नरमा कपास की एक एकड़ फसल में एक बैग यूरिया, एक बैग डीएपी, 30 से 40 किलो पोटाश और 10 किलो जिंक सल्फेट डालना चाहिए. वहीं, देसी कपास की एक एकड़ फसल में 15 किलो यूरिया और 10 किलो जिंक सल्फेट डाला जाता है.

उर्वरक और खाद की मात्रा

देसी कपास में HD-123 और HD-432 किस्मों का उपयोग किया जाता है, जबकि बीटी नरमा कपास के लिए केवल सर्टीफाइड बीज ही खरीदें और खरीदते समय उसका पक्का बिल अवश्य बनवाएं.

बीज की किस्में

रोएंदार अमेरिकन कपास के लिए एक एकड़ में 8 से 10 किलो बीज बोना चाहिए, जबकि बिना रोएंदार अमेरिकन बीज के लिए 6 से 8 किलो बीज पर्याप्त होता है. रोएंदार देसी कपास के लिए एक एकड़ में 6 किलो बीज और बिना रोएंदार देसी कपास के लिए 5 किलो बीज का उपयोग किया जाता है.

एक एकड़ में कितने बीज लगेंगे