21 Apr 2025
VIVEK SINGH
22 Apr 2025
Bankatesh kumar
भीषण गर्मी की शुरुआत हो गई है. सुबह के 10 बजते ही आसमान में चिलचिलाती हुई धूप निकल जा रही है. इससे घर से निकलना मुश्किल हो गया है.
खास कर इंसान के साथ-साथ मवेशी भी गर्मी से परेशान हैं. तपन के कारण मवेशियों ने दूध भी देना कम कर दिया है.
लेकिन किसान और पशुपालक खास तरह की हरी घास खिलाकर मवेशियों का दूध उत्पादन गर्मी के मौसम में भी बढ़ा सकते हैं.
अगर किसान चाहें, तो गर्मी के मौसम में घास के रूप में चरी भी उगा सकते हैं. यह ज्वार की एक किस्म है. गर्मी के मौसम में इसे पशुओं के लिए अच्छा माना गया है.
कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि चरी एक जायद फसल है. झारखंड में इसे स्थानीय भाषा में 'खसकारा'कहते हैं.
चरी की खासियत है कि इसे कई बार काटा जा सकता है. आप इसे दुधारू पशुओं को हरे चारे के रूप में खिला सकते हैं.
चरी किसानों और पशुपालक दोनों के लिए फायदेमंद है. इसे खिलाने से पशुओं को प्रयाप्त पोषण मिलता है, जिससे दूध उत्पादन बढ़ जाएगा. इससे किसानों की कमाई बढ़ेगी.
किसान चरी की कटाई तब तक कर सकते हैं, जब तक उसमें बालियां न आ जाए.वहीं पकने पर किसान चरी को बेचकर कमाई भी कर सकते हैं.
ऐसे चरी बुवाई करने के बाद 65 से 85 दिनों में तैयार हो जाती है. ऐसे किसान 7 से 8 दिन के अंतराल पर इसकी कटाई कर सकते हैं.