मारुति से लेकर हुंडई तक, ये थी कंपनियों की पहली कार 

03 May 2025

Satish Vishwakarma

भारत में ऑटोमोबाइल सेक्टर का इतिहास न सिर्फ समृद्ध है, बल्कि बेहद रोमांचक भी रहा है. समय के साथ कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और घरेलू ब्रांड्स ने भारतीय सड़कों पर कदम रखा, ऐसे में आइए जानते हैं, भारत में प्रमुख ब्रांड्स द्वारा लॉन्च की गई पहली कारों के बारे में.

 पहली कार

साल 1983 में लॉन्च हुई मारुति 800 ने भारत के मध्यम वर्ग के लिए कार को एक सपना नहीं, बल्कि हकीकत बना दिया. इसकी किफायती कीमत, बेहतर माइलेज और भरोसेमंद परफॉर्मेंस ने इसे हर घर का हिस्सा बना दिया. 

मारुति 800

साल 1998 में हुंडई ने भारत में अपने सफर की शुरुआत सैंट्रो से की. अपनी यूनिक डिजाइन, ऊँचे कद-काठी और भरोसेमंद इंजन के चलते यह शहरी ग्राहकों की पहली पसंद बन गई. 

हुंडई सैंट्रो (1998)

स्कोडा ने 2001 में ऑक्टेविया को लॉन्च कर भारत में यूरोपीय लक्जरी और परफॉर्मेंस का स्वाद दिया. इसकी शानदार बिल्ड क्वालिटी और बेहतरीन ड्राइविंग एक्सपीरियंस ने इसे प्रीमियम सेडान सेगमेंट ने फेमस  बना दिया.

स्कोडा ऑक्टेविया (2001)

जर्मन कंपनी वोक्सवैगन ने 2010 में पोलो के साथ भारत में कदम रखा. यह प्रीमियम हैचबैक अपने सॉलिड बिल्ड, परफॉर्मेंस और शानदार फीचर्स के लिए जानी गई. इसने हैचबैक सेगमेंट में नए मानक तय किए.

वोक्सवैगन पोलो (2010)

टाटा मोटर्स ने 1991 में टाटा सिएरा के साथ अपने पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में कदम रखा. यह भारत की पहली एसयूवी थी जिसमें पावर विंडो, ग्लास रियर कैनोपी जैसी आधुनिक सुविधाएं थीं. 

टाटा सिएरा (1991)

होंडा ने 1998 में सिटी कार के साथ भारतीय बाजार में प्रवेश किया. इसकी स्टाइलिश डिजाइन, बेहतरीन इंजन और आरामदायक राइड ने इसे सेडान प्रेमियों की पहली पसंद बना दिया.

होंडा सिटी (1998)

किआ मोटर्स ने 2019 में सेल्टोस के साथ भारत में धमाकेदार एंट्री की. अपनी आकर्षक डिजाइन, फीचर-लदी इंटीरियर और प्रतिस्पर्धी कीमत के चलते यह मिड-साइज एसयूवी सेगमेंट में नए मानक स्थापित करने में सफल रही.

किआ सेल्टोस (2019)