20 Apr 2025
Shashank Srivastava
अलीगढ़ का प्राचीन नाम कोइल या कोल था. मान्यता है कि दैत्यराज कोल ने इस शहर की स्थापना की थी.
कहा जाता है कि दैत्यराज कोल ने इस जगह पर शासन किया और उसी के नाम पर इसे कोल या कोइल कहा गया.
18वीं सदी में सैयद वंश ने इस क्षेत्र पर कब्जा किया और चौथे खलीफा 'अली' के नाम पर इसका नाम बदलकर अलीगढ़ रख दिया.
योगी सरकार के कार्यकाल में नगर निगम ने इसका नाम हरिगढ़ रखने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन इसे राज्य सरकार से अभी मंजूरी नहीं मिली.
ऐतिहासिक लड़ाई के बाद इसका नाम कुछ समय के लिए रामगढ़ भी रखा गया था, जब जाट राजा सूरजमल और राजा बहादुर सिंह ने मुस्लिम सेना को हराया.
अकबर के शासनकाल में कोइल को अहम स्थान प्राप्त था. यहां कई प्रशासकीय इकाइयाँ जैसे मराहर, कोल हवेली, थाना फरीदा थीं.
अलीगढ़ को ताला नगरी भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर मुगल काल से ही तालों का निर्माण और व्यापार होता आ रहा है.
आज भी अलीगढ़ के ताले देश-विदेश में निर्यात किए जाते हैं. यहां का लिंक लॉक्स ब्रांड काफी चर्चित है.
यह शहर न सिर्फ ऐतिहासिक बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक नजरिए से भी बेहतर है. यहां अलग-अलग सभ्यताओं की छाप देखने को मिलती है.
आज का अलीगढ़ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) जैसी संस्थाओं और ताला बिजनेस के लिए फेमस है.