24 Apr 2025
Satish Vishwakarma
भारत में आम का सीजन आ गया है. ऐसे में मार्केट में तरह-तरह की वैरायटी के आम मिलने शुरू हो गए हैं.
हालांकि हम जो आम मार्केट में देखते हैं, उनमें से कुछ को केमिकल से भी पकाया जाता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि केमिकल से पकाए गए आम की पहचान कैसे की जाए.
कैसे करें पहचान
आपके लिए खासा हानिकारक रसायनों की सहायता से पकाए हुए आम को खाने से कोलन कैंसर, स्किन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर का खतरा भी बना रहता है.
होने वाले नुकसान
प्राकृतिक रूप से पके आम का रंग हल्का पीला और थोड़ा हरा होता है. उसकी सतह पर चमक नहीं होती और रंग एक समान दिखाई देता है. वहीं, केमिकल से पके आम बहुत ज्यादा चमकदार और पीले रंग के होते हैं.
रंग से करें पहचान
अगर किसी आम की सतह पर सफेद पाउडर जैसा कोई पदार्थ या नीले रंग का कोई निशान नजर आता है, तो ऐसे आम को बिल्कुल न खरीदें. यह केमिकल्स के कारण होता है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.
ऐसे आम न खरीदें जिन पर सफेद या नीले निशान हों
घर लाने के बाद आम को एक बाल्टी पानी में डालें. यदि आम पानी में डूब जाए तो समझिए वह प्राकृतिक रूप से पका हुआ है. लेकिन अगर आम ऊपर तैरने लगे, तो वह केमिकल से पकाया गया हो सकता है.
करें ‘बकेट टेस्ट’
जब आप आम को बीच से काटते हैं, तो प्राकृतिक रूप से पके आम का गूदा अंदर से एक जैसा हल्का पीला होता है. लेकिन अगर वह केमिकल से पका है, तो आम के किनारे और बीच का रंग अलग-अलग दिखेगा. साथ ही उसका स्वाद भी फीका और रसहीन हो सकता है.
काटने पर भी करें पहचान
प्राकृतिक आम से मीठी और सौंधी खुशबू आती है, जबकि केमिकल से पके आम में वह सुगंध नहीं होती. स्वाद में भी अंतर साफ महसूस किया जा सकता है. केमिकल वाला आम अक्सर फीका और सख्त होता है.
खुशबू और स्वाद