25 Apr 2025
Vinayak singh
1960 में सिंधु और उसकी सहायक नदियों को लेकर हुए विवाद के चलते सिंधु जल समझौता हुआ. यह समझौता भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान के बीच, विश्व बैंक की मौजूदगी में हुआ था.
समझौते के तहत, भारत पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलुज) का अधिकांश जल उपयोग करता है, जबकि पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) का अधिकतर पानी पाकिस्तान को जाता है. पाकिस्तान इन नदियों के लगभग 80 फीसदी और भारत 20 फीसदी पानी का इस्तेमाल करता है.
कितना पानी जाता है पाकिस्तान
सिंधु नदी तिब्बत के बोखार चू ग्लेशियर से निकलती है, जो मानसरोवर झील के पास स्थित है. यह नदी डेमचोक के पास भारत में प्रवेश करती है और काराकोरम तथा लद्दाख श्रेणियों के बीच बहती है.
कहां से निकलती है सिंधु नदी
सिंधु नदी की कुल लंबाई लगभग 3,000 किलोमीटर है. भारत में लगभग 710 किलोमीटर बहने के बाद यह पाकिस्तान में प्रवेश करती है. लंबाई के लिहाज से सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र से भी लंबी नदी है.
कितनी है लंबाई
सतलुज, रावी, ब्यास, चिनाब, झेलम और सोन बाएं किनारे से मिलने वाली सहायक नदियां हैं, जबकि श्योक, गिलगिट, हुंजा, स्वात, कुनार, कुर्रम और काबुल दाएं किनारे से मिलने वाली सहायक नदियां हैं.
सिंधु की सहायक नदियां
सिंधु नदी पाकिस्तान के गिलगित-बाल्तिस्तान, पंजाब और सिंध प्रांतों से होकर बहती है. यह नदी पाकिस्तान में उत्तर से दक्षिण तक लगभग 2,000 किलोमीटर की यात्रा तय करती है.
पाकिस्तान में सिंधु नदी
पाकिस्तान सिंधु का लगभग 93 फीसदी पानी सिंचाई के लिए उपयोग करता है. साथ ही, देश की लगभग एक-तिहाई बिजली सिंधु और अन्य नदियों पर बने हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स से पैदा होती है.
पाकिस्तान में सिंधु की उपयोगिता