23 Nov 2025
Pradyumn Thakur
जब आपके पास पैसों की कमी हो, तब इंस्टेंट लोन और क्रेडिट कार्ड लोन दोनों अच्छे विकल्प हो सकते हैं. लेकिन कौन-सा लोन आपके लिए सही है, यह आपकी जरूरत और उसकी शर्तों पर निर्भर करता है.
क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाला लोन आमतौर पर पहले से मंजूर होता है. बस एक क्लिक में पैसा आपके खाते में आ जाता है. यह लोन आपके कार्ड की लिमिट पर आधारित होता है, लेकिन EMI में अलग से चुकाना पड़ता है.
इंस्टेंट लोन लेने के लिए बैंक आपकी सैलरी, क्रेडिट स्कोर और KYC डॉक्यूमेंट जैसी जरूरी बातें जांचते हैं. इसलिए यह क्रेडिट कार्ड लोन की तुलना में मिलने में थोड़ा समय ले सकता है.
दोनों में सबसे महत्वपूर्ण अंतर ब्याज दर का होता है. क्रेडिट कार्ड पर लिया गया लोन अक्सर ज्यादा महंगा होता है, जबकि इंस्टेंट लोन में ब्याज थोड़ा कम मिल सकता है, जिससे EMI पर असर पड़ता है.
अगर ब्याज दरों में थोड़ा सा भी फर्क हो, जैसे 0.60% या 0.70%, तो भी लंबे समय में यह अंतर बड़ी रकम तक जा सकता है. इसलिए ब्याज दर को ध्यान से तुलना करना बहुत जरूरी है.
जब भी आप कोई लोन लेते हैं, बैंक प्रोसेसिंग फीस भी काटता है. यह राशि सीधे आपके खाते में आने वाले पैसे को कम कर देती है. इसलिए कुल मिलाकर कितना पैसा मिलेगा, यह पहले से जानना चाहिए.
प्रोसेसिंग फीस कभी-कभी छोटी लगती है, लेकिन अगर लोन अमाउंट बड़ा है तो यह फीस आपकी जेब पर खासा असर डाल सकती है. इसलिए फैसला करते समय इसे ध्यान में जरूर रखें.
अगर आपको तुरंत पैसे चाहिए, जैसेमेडिकल जरूरत या अचानक का खर्च, तो जिस लोन का पैसा जल्दी मिलता है, वही आपके लिए बेहतर रहेगा.ऐसे में क्रेडिट कार्ड लोन आमतौर पर ज्यादा तेज होता है.
इंस्टेंट लोन भी काफी तेजी से मिलते हैं. लेकिन सब कुछ आपके डॉक्यूमेंट और क्रेडिट हिस्ट्री पर निर्भर करता है.अगर सब ठीक हो,तो यह भी कुछ ही घंटों में मिल सकता है.
क्रेडिट कार्ड लिमिट का पूरा उपयोग करने से आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है, क्योंकि यह बैंक को दिखाता है कि आप बहुत ज्यादा क्रेडिट इस्तेमाल कर रहे हैं.इसलिए कार्ड लिमिट पूरी तरह खत्म न करना बेहतर होता है.
अगर आप अपना क्रेडिट स्कोर सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो वही लोन चुनें जिसमें आपकी लिमिट कम ब्लॉक हो और EMI समय पर चुकाना आसान हो.समझदारी से लिया गया लोन भविष्य में बेहतर फायदे देता है.