1 May 2025
VIVEK SINGH
प्लास्टिक की बोतल में BPA (Bisphenol A) जैसी केमिकल होती है, जो शरीर में घुसकर हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती है. यह हमारे हेल्थ के लिए खतरे का कारण हो सकता है, खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए.
प्लास्टिक के बोतल में गर्मी के संपर्क में आने से इसमें मौजूद रसायन पानी में घुल जाते हैं. इससे पानी की क्वालिटी खराब हो सकती है और यह हमारे हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है.
पानी की क्वालिटी पर असर
प्लास्टिक की बोतलें पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं. ये आसानी से बिखर जाती हैं और कई सालों तक मिट्टी में घुलकर प्रदूषण फैलाती हैं, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक असर पड़ता है.
पर्यावरण पर प्रभाव
प्लास्टिक की बोतलें एक बार इस्तेमाल होने के बाद कचरे में चली जाती हैं, जिससे प्लास्टिक का कचरा बढ़ता है. यह हमारे नेचुरल रिसोर्स और इकोसिस्टम को नुकसान पहुंचाता है.
कचरे की समस्या
प्लास्टिक की बोतल में रखा पानी जल्दी ही खराब हो सकता है. बोतल में बैक्टीरिया और कीटाणु जमा हो सकते हैं, जिससे पानी का स्वाद और गंध बिगड़ सकते हैं.
स्मेल और स्वाद में बदलाव
प्लास्टिक में कुछ रसायनिक तत्व होते हैं जो पानी में मिलकर हमारे हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकते हैं. यह रसायन लंबे समय तक पानी में रहते हैं और धीरे-धीरे शरीर में समाते हैं.
पानी में हानिकारक रसायन
प्लास्टिक की बोतलें लंबे समय तक इस्तेमाल करने के लिए नहीं होतीं. अधिक समय तक बोतल में पानी रखा जाता है, तो इसमें बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं, जिससे पानी पीने से इंफेक्शन का खतरा हो सकता है.
इंफेक्शन का खतरा