27 Apr 2025
Pradyumn Thakur
कई कंपनियां मोबाइल के साथ चार्जर नहीं देते हैं. कई बार चार्जर खराब हो जाता है या कहीं छूट जाता है. ऐसे में लोग दुकान से नया चार्जर खरीदते हैं. ऐसे पता करें कि आपका चार्जर असली है नकली.
असली चार्जर ब्रांड के नाम लिखे होते हैं जबकि नकली चार्जर के नाम अटपटे होते हैं और ब्रांड के नाम की स्पेलिंग भी बदलकर लिखी होती है.
असली और नकली चार्जर में हम डिजाइन से फर्क लगा सकता है. नकली चार्जर की डिजाइन अलग सी दिखती है और उसका कलर भी हरा-पीला-नीला होता है.
नकली चार्जर का वजन कॉफी हल्का होता है. यह उठाने पर ही पता चल जाता है. वहीं असली चार्जर का वजन कॉफी भारी होता है.
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के App को मोबाइल में डाउनलोड करके चार्जर की क्वालिटी को जांचा जा सकता है.
नए चार्जर में प्रोडक्ट नंबर और क्यूआर कोड होता है जिसे स्कैन करके चार्जर की पूरी जानकारी ले सकते हैं. इसके अलावा चार्जर का बिल या पक्की रसीद लेना न भूलें.
हमेशा सील पैक चार्जर ही खरीदें. अगर चार्जर पर सील नहीं लगी है या टूटी हुई है तो चार्जर नकली हो सकता है.