30 Dec 2025
VIVEK SINGH
8वां वेतन आयोग 7वें वेतन आयोग की जगह लेगा और कर्मचारियों के वेतन ढांचे, पेंशन और भत्तों की समीक्षा करेगा. इसका उद्देश्य कर्मचारियों की आय में संतुलन बनाना और महंगाई का असर कम करना है.
विशेषज्ञों के अनुसार 8वें आयोग के तहत सैलरी में 20 से 35 फीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है. एंट्री लेवल कर्मचारियों को बेसिक सैलरी में सबसे ज्यादा फायदा मिलने की संभावना है.
फिटमेंट फैक्टर 2.4 से 3.0 के बीच रहने की चर्चा है. यह फैक्टर मौजूदा बेसिक पे को नए वेतन में बदलने में मदद करता है और कुल सैलरी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है.
महंगाई भत्ते (DA) को नए सिरे से मर्ज या रिवाइज किए जाने की संभावना है. इससे कर्मचारियों की खर्च क्षमता बढ़ेगी और महंगाई का असर कम होगा.
अगर लागू करने में देरी होती है तो कर्मचारियों को पिछली तारीख से एरियर का भुगतान मिल सकता है. अंतिम भुगतान आयोग की सिफारिशों और सरकार के निर्णय पर निर्भर करेगा.
सैलरी बढ़ोतरी का निर्णय सिर्फ आयोग का नहीं होता. सरकार की वित्तीय स्थिति, राजस्व, टैक्स कलेक्शन और राजनीतिक फैसले इस पर सीधा असर डालते हैं.
6वें वेतन आयोग में औसतन 40 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी, जबकि 7वें वेतन आयोग में यह लगभग 23 से 25 फीसदी रही. इससे कर्मचारियों की उम्मीदें और अनुमान स्पष्ट होते हैं.
कर्मचारियों को चाहिए कि वे 8वें आयोग की आधिकारिक सिफारिशों का इंतजार करें और किसी भी एरियर या DA के अपडेट के लिए तैयार रहें. इससे वे अपनी वित्तीय योजना बेहतर तरीके से बना सकते हैं.