जानिए कौन है असली फायदेमंद – FD या Mutual Fund?

18  May 2025

Tejaswita Upadhyay

अगर आप निवेश की शुरुआत कर रहे हैं, तो FD और म्यूचुअल फंड जैसे विकल्पों में से चुनना थोड़ा उलझा सकता है. दोनों के फायदे हैं, लेकिन रिस्क, रिटर्न और लिक्विडिटी जैसे मामलों में बड़ा फर्क है.

क्या FD और Mutual Fund में फर्क

FD बैंकों द्वारा गारंटी के साथ दी जाती है, इसलिए यह एक सुरक्षित निवेश मानी जाती है. वहीं म्यूचुअल फंड मार्केट से जुड़ा होता है, इसलिए इसमें उतार-चढ़ाव और जोखिम ज्यादा रहता है.

सुरक्षा

FD में रिटर्न पहले से तय होता है, जो आमतौर पर 6–8% सालाना तक होता है. म्यूचुअल फंड का रिटर्न शेयर बाजार पर निर्भर करता है और यह अधिक या कम हो सकता है. मौकों के साथ रिस्क भी रहता है.

रिटर्न

FD को बीच में तोड़ने पर पेनाल्टी लग सकती है. वहीं म्यूचुअल फंड, खासकर ओपन-एंडेड फंड, में आप जब चाहें निवेश निकाल सकते हैं, हालांकि कुछ फंड्स में एग्जिट लोड भी लगता है.

लिक्विडिटी

FD से मिले ब्याज पर टैक्स देना पड़ता है, भले ही आप उसे निकालें या नहीं. म्यूचुअल फंड में लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स अलग-अलग होता है, जो होल्डिंग पीरियड पर निर्भर करता है.

टैक्सेशन

FD में निवेश की अवधि तय होती है—जैसे 1 साल, 3 साल या 5 साल. म्यूचुअल फंड्स में आप लंबी अवधि के लिए SIP कर सकते हैं या शॉर्ट टर्म के लिए भी पैसा पार्क कर सकते हैं, आपकी जरूरत के अनुसार.

निवेश अवधि

आजकल FD मोबाइल ऐप्स और नेटबैंकिंग के ज़रिए आसानी से की जा सकती है. म्यूचुअल फंड भी UPI, SIP और फिनटेक ऐप्स के जरिए बेहद आसान हो चुका है. बस थोड़ा समझना जरूरी होता है.

निवेश की सुविधा

अगर आप कम रिस्क लेना चाहते हैं और फिक्स्ड रिटर्न चाहते हैं तो FD बेहतर है. लेकिन अगर आप थोड़े रिस्क के साथ ज्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड अच्छा विकल्प हो सकता है. सोच-समझकर निवेश करें.

क्या चुनें ?