क्या होती है GDP, जानें कैसे होती है तय

02 Nov 2025

 VIVEK SINGH

GDP का मतलब क्या होता है

GDP किसी देश में एक साल या तिमाही के दौरान बनने वाली वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य है. यह आंकड़ा बताता है कि अर्थव्यवस्था कितनी बड़ी है और कितनी तेजी से आगे बढ़ रही है.

Nominal GDP बाजार की मौजूदा कीमतों पर आधारित होती है जबकि Real GDP महंगाई को हटाकर असली उत्पादन को दिखाती है. Real GDP से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था में वास्तविक वृद्धि कितनी हुई है और कीमतों का असर कितना है.

Nominal- Real GDP में क्या फर्क  

भारत में GDP का अनुमान National Statistics Office यानी NSO जारी करता है. यह मंत्रालय ऑफ स्टैटिस्टिक्स के तहत आता है. हर तिमाही में नए आंकड़े जारी होते हैं और साल के अंत में पूरे वर्ष का एक फाइनल अनुमान जारी किया जाता है.

कौन जारी करता है

GDP सिर्फ कुल उत्पादन को दिखाती है जबकि Economic Growth बताती है कि GDP कितनी तेजी से बढ़ रही है. यह दर्शाता है कि रोजगार, आय और निवेश कितनी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और जीवन स्तर में कितना सुधार हो रहा है.

GDP और Economic Growth में अंतर

भारत की GDP में तीन सेक्टर सबसे ज्यादा योगदान देते हैं. सेवा क्षेत्र में आईटी, फाइनेंस और रियल एस्टेट शामिल हैं. उद्योग में मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन आते हैं. कृषि में खेती, पशु पालन और मत्स्य पालन का योगदान होता है.

किन सेक्टर से बनती है भारत की GDP

GDP बढ़ने पर अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और लोगों की आय में सुधार होता है. गिरती GDP चिंता का संकेत होती है क्योंकि इससे नौकरी कम हो सकती है, खर्च घट सकता है और निवेशकों का भरोसा कमजोर होता है.

बढ़ने और घटने का क्या मतलब  

महंगाई बढ़ने पर Nominal GDP बढ़ी दिख सकती है लेकिन Real GDP असली वृद्धि बताती है. इसलिए अर्थव्यवस्था की ताकत समझने के लिए Real GDP ज्यादा भरोसेमंद मानी जाती है और इसी के आधार पर नीतियां बनाई जाती हैं.

महंगाई का GDP पर क्या असर

Per Capita GDP से पता चलता है कि एक नागरिक औसतन कितना आर्थिक उत्पादन करता है. हालांकि इससे जीवन स्तर का पूरा अंदाजा नहीं लगता. इसके साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी जैसे सामाजिक मानको का भी मूल्यांकन जरूरी है.

Per Capita GDP क्यों जरूरी