23/11/2025
Satish Vishwakarma
अगर आप सोच रहे हैं कि गोल्ड लोन लें या पर्सनल लोन? दोनों के अपने फायदे हैं, लेकिन सही चुनाव आपकी जरूरत, क्रेडिट स्कोर और गोल्ड की उपलब्धता पर निर्भर करता है. आइए जानते हैं दोनो में कौन बेहतर है.
गोल्ड लोन पर ब्याज दर कम होती है क्योंकि यह सिक्योर्ड लोन है. पर्सनल लोन की दरें ज्यादा होती हैं क्योंकि यह अनसिक्योर्ड होता है. अगर आप कम ब्याज में लोन लेना चाहते हैं और आपके पास खाली पड़ा गोल्ड है, तो गोल्ड लोन ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है.
कौन सस्ता पड़ता है?
गोल्ड लोन की खासियत है इसकी स्पीड. बैंक और NBFCs गोल्ड देखकर कुछ ही मिनटों में लोन दे देते हैं. पर्सनल लोन में डॉक्यूमेंट्स, क्रेडिट चेक और वेरिफिकेशन में समय लगता है.
पैसे कितनी जल्दी चाहिए?
अगर आपका क्रेडिट स्कोर मजबूत नहीं है या क्रेडिट हिस्ट्री लिमिटेड है, तो पर्सनल लोन महंगा या रिजेक्ट हो सकता है. गोल्ड लोन में लेंडर का जोखिम कम होता है, इसलिए वे क्रेडिट स्कोर पर ज्यादा जोर नहीं देते. कम स्कोर वाले लोगों के लिए यह एक आसान ऑप्शन है.
क्रेडिट स्कोर कमजोर है?
गोल्ड लोन में कई रीपेमेंट ऑप्शन मिलते हैं, जिनमें सिर्फ ब्याज ईएमआई, बुलेट पेमेंट या फिर आखिरी में पूरा पेमेंट. यह उन लोगों के लिए बेहतर है, जिनकी इनकम फ्लो अनरेगुलेटेड है. जबकि पर्सनल लोन में शुरुआत से फिक्स EMI देनी होती है.
लचीला रीपेमेंट किसमें है?
गोल्ड लोन आमतौर पर कुछ महीनों से 2 साल तक की अवधि में मिलता है. पर्सनल लोन 5 साल या उससे ज्यादा तक लिया जा सकता है. शॉर्ट-टर्म जरूरतों के लिए गोल्ड लोन बढ़िया है, लेकिन लंबी अवधि के खर्चों के लिए पर्सनल लोन ज्यादा प्रैक्टिकल हो सकता है.
कितने समय के लिए लोन चाहिए?