20 May 2025
Pratik Waghmare
भारत में हर रोज ट्रेन के जारिए करीब 3 करोड़ लोग यात्रा करते हैं, ये संख्या कुछ देशों की जनसंख्या के बराबर है जैसे ऑस्ट्रेलिया. रेलवे में कई सारे नियम है लेकिन इसमें एक चेन पुलिंग को लेकर, चलिए इसे समझते हैं.
ट्रेन में चेन पुलिंग की सुविधा केवल आपात स्थितियों के लिए मिलती है. लेकिन बहुत से यात्री बिना वजह ही चेन खींच देते हैं. अगर ऐसा कोई करता है तो यह कानूनन अपराध है. इसके लिए फाइन भी लगता है और सजा भी मिलती है.
चेन पुलिंग
लेकिन वो कौन सी आपात स्थिति है जिसमें यात्री चेन खींच सकते हैं? अगर कोई मेडिकल इमरजेंसी हो या ट्रेन में आग लग गई हो या ट्रेन में डकैती हो रही हो या अगर कोई साथी स्टेशन पर छूट जाए तब भी चेन खींची जा सकती है.
आपात स्थिति
लेकिन किसी भी साथी के छूटने पर चेन पुल नहीं की जा सकती. अगर कोई बच्चा, विकंलाग या बुजुर्ग प्लेटफॉर्म पर रह जाए तभी चेन पुलिंग की जा सकती है.
नियम सख्त
अगर कोई बिना वजह के चेन खींचता है. तो फिर भारतीय रेलवे अधिनियम की धारा 141 के तहत उसे सजा दी जाती है. चलती ट्रेन में सफर करने वाला कोई भी यात्री बिना किसी ठोस वजह और कारण के चेन खींचता है तो जुर्माना देना होता है.
धारा 141
नियमों के मुताबिक कम से कम एक साल तक की सजा हो सकती है और एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. कुछ मामलों में जुर्माना और सजा दोनों का ही प्रावधान होता है.
कितना जुर्माना/जेल