22 May 2025
Satish Vishwakarma
किडनी हमारे शरीर का एक साइलेंट हीरो है, जो बिना शोर किए लगातार काम करता रहता है. लेकिन जब किडनी सही से काम नहीं करती, तो शरीर कुछ संकेत देने लगता है. इनमें से कई संकेत पैरों में दिखाई दे सकते हैं, आइए जानते हैं ऐसे 5 संकेत जो किडनी की खराबी का संकेत हो सकते हैं.
अगर शाम होते-होते टखनों में सूजन आने लगे, जैसे मोजे पहनने के बाद गहरे निशान रह जाते हों, तो यह सामान्य नहीं है. जब किडनी ठीक से अतिरिक्त पानी और नमक को बाहर नहीं निकाल पाती, तो शरीर में फ्लूइड जमा होने लगता है, जिससे टखनों में सूजन आ सकती है.
टखनों में सूजन जो आती-जाती है
अगर पैरों में बार-बार खुजली होती है लेकिन स्किन पर कोई रैश या दाने नहीं दिखते, तो यह चिंता की बात हो सकती है. किडनी की गड़बड़ी से शरीर में वेस्ट प्रोडक्ट्स यानी ज़हरीले तत्व जमा होने लगते हैं, जो अंदरूनी खुजली का कारण बनते हैं.
बिना रैश के खुजली वाली त्वचा
रात में सोते समय या आराम करते हुए पिंडलियों में अचानक खिंचाव या क्रैंप आना सामान्य नहीं है. यह संकेत हो सकता है कि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम का संतुलन बिगड़ गया है, जो कमजोर होती किडनी की वजह से हो सकता है.
सोते वक्त पिंडलियों में ऐंठन
अगर पैरों या पैरों के अंगूठों के आसपास की त्वचा गहरी, हल्की नीली या धुंधली सी दिखे और कोई चोट भी न हो, तो यह भी संकेत हो सकता है. किडनी की खराबी से पैरों तक ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है, जिससे स्किन का रंग बदलने लगता है.
पैरों की त्वचा का रंग बदलना
अगर बैठे-बैठे ही पैरों में बार-बार झुनझुनी, सुई चुभने जैसा अहसास या सुन्नपन महसूस होता है, तो यह चेतावनी हो सकती है. किडनी की खराबी से नसों पर असर पड़ता है, जिससे ‘पेरिफेरल न्यूरोपैथी’ नामक स्थिति बन सकती है.
पैरों में सुन्नपन या झुनझुनी
लगातार थकान, स्ट्रेस या बेचैनी जैसी स्थिति किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है. ज्यादा तनाव से हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज़ हो सकती है, जो किडनी की सबसे आम बीमारियों का कारण बनती हैं.
हर समय थकान और तनाव भी है खतरा
अगर ऊपर बताए गए लक्षण बार-बार दिखाई दें, तो इन्हें नज़रअंदाज़ न करें. तुरंत किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें. ब्लड टेस्ट और यूरीन टेस्ट की मदद से किडनी की सेहत के बारे में सही जानकारी मिल सकती है. यदि बीमारी की पहचान शुरुआती दौर में हो जाए, तो इसका इलाज आसान और सफल हो सकता है.
क्या करना चाहिए?