05 Dec 2025
VIVEK SINGH
इंस्टेंट लोन ऐप बिना ज्यादा जांच के तुरन्त लोन दे देते है. लेकिन इसके साथ ये आपके फोन का डेटा भी ले लेते है.
फर्जी लोन ऐप वसूली के लिये गलत तरीके अपनाते है. रोज कॉल, लगातार संदेश और दबाव बनाकर यूजर को मानसिक रूप से परेशान किया जाता है. यह स्थिति यूजर को तनाव और डर में डाल देती है.
लोन देर होने पर ये ऐप केवल यूजर को ही नहीं बल्कि उसके कॉन्टेक्ट लिस्ट मे मौजूद सभी लोगों को कॉल करते है. परिवार, दोस्त और ऑफिस तक जानकारी भेजकर यूजर की सामाजिक छवि खराब की जाती है.
इंस्टेंट लोन ऐप अधिकांश समय बहुत ज्यादा ब्याज और हिडन चार्ज लगाते है. समय पर लोन नहीं चुकाने पर पेनाल्टी बढ़ती जाती है और यूजर एक लोन चुकाने के लिये दूसरा लोन लेने लगता है. इस तरह वह कर्ज के जाल में फंस जाता है.
यह ऐप लोन देने वाले बैंक या एनबीएफसी की जानकारी नहीं बताते. आरबीआई के अनुसार हर डिजिटल लेंडिंग ऐप को यह जानकारी साझा करनी चाहिये. जो ऐप ऐसा नहीं करते वे अक्सर फ्राड करने वाले होते है.
अगर कोई ऐप बिना जांच तुरन्त लोन दे, बहुत कम ब्याज का लालच दे, पहले ही फीस मांगे, भाषा गलत हो, सही पता और कस्टमर केयर नंबर न दे तो वह फर्जी होता है. ऐसे ऐप डेटा चोरी और आर्थिक नुकसान करते है.
अगर कोई ऐप धमकी दे, डेटा का गलत उपयोग करें या फर्जी वसूली करें तो यूजर ऑनलाइन शिकायत कर सकते है. इसके लिये आरबीआई के "सचेत पोर्टल" पर जाकर लोन फ्राड, डेटा मिसयूज और गलत वसूली की शिकायत दर्ज की जा सकती है.