22 May 2025
Soma Roy
पैसिफिक लिंगकॉड (Ophiodon elongatus) उत्तरी पैसिफिक महासागर में पाई जाने वाली एक खतरनाक शिकारी मछली है. आमतौर पर इंसानों के मुंंह में 32 दांत होते हैं, लेकिन इस मछली के 555 दांत होते हैं.
ये मछली 5 फीट तक लंबी और 80 पाउंड तक भारी हो सकती है. इसका बड़ा मुंह और 500 से ज्यादा नुकीले दांत इसे खास बनाते हैं.
कितना होता है वजन?
लिंगकॉड के मुंह में लगभग 555 नुकीले, सूक्ष्म दांत होते हैं, जो दो जबड़ों में बंटे होते हैं. इनके तालु और गलफड़ों तक में दांत होते हैं, जो शिकार को पकड़ने और चबाने में मदद करते हैं.
दांतों का रहस्य
नई रिसर्च के मुताबिक, लिंगकॉड हर दिन अपने 3% दांत, यानी करीब 20 दांत, बदल देती है. ये तेजी से नए दांत उगाती है, ताकि हमेशा शार्प रहें.
हर दिन 20 दांत बदलते हैं
लिंगकॉड के पास दो तरह के जबड़े होते हैं: ओरल (बाहर के) और फैरिंजियल (अंदर के). बाहर के दांत शिकार को पकड़ते हैं, जबकि अंदर के दांत उसे चबाते हैं. पीछे के दांत सबसे ज्यादा बदलते हैं.
दांतों का काम
ये मछली स्क्विड, ऑक्टोपस, केकड़े और छोटी मछलियों को खाती है. इसके शक्तिशाली जबड़े बख्तरबंद केकड़ों को भी तोड़ देते हैं. ये अपने ही जैसे लिंगकॉड को भी खा लेती है.
क्या खाती है ये मछली?
करीब 20% लिंगकॉड का मांस नीला-हरा होता है, जो बिलिवर्डिन नामक पिगमेंट की वजह से हो सकता है. हालांकि, पकाने के बाद ये रंग गायब हो जाता है.
नीली मछली का रहस्य
लिंगकॉड उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट पर, अलास्का से लेकर बाजा कैलिफोर्निया तक, चट्टानी इलाकों में 10-100 मीटर की गहराई में रहती है. ये ज्यादातर ब्रिटिश कोलंबिया और वाशिंगटन के पास पाई जाती है.
कहां पाई जाती है?