10 Dec 2025
VIVEK SINGH
यह Salary Slip का सबसे अहम हिस्सा है. आपकी इन हैंड सैलरी, PF, HRA और कई लाभ इसी पर आधारित होते है.
बेसिक सैलरी का 40 से 50 प्रतिशत तक HRA दिया जाता है. अगर आप किराये पर रहते है तो HRA आपको टैक्स बचाने में मदद करता है. Salary Slip में यह सबसे महत्वपूर्ण टैक्सेबल कंपोनेंट माना जाता है.
यह Allowance बेसिक सैलरी पर आधारित होता है. जैसे ही DA 50 प्रतिशत तक पहुंचता है इसे जीरो कर दिया जाता है और पूरा हिस्सा बेसिक सैलरी में जोड़ दिया जाता है. इसका असर PF सहित अन्य लाभो पर भी पड़ता है.
अगर आप कंपनी के काम से सफर करते है तो यह Allowance दिया जाता है. 1600 रुपये महीने तक मिलने वाला Conveyance Allowance टैक्स फ्री होता है. यह आपकी इन हैंड सैलरी बढ़ाने में मदद करता है.
कंपनी द्वारा छुट्टी के दौरान भारत में यात्रा के खर्च की भरपाई LTA के जरिये की जाती है. यह Allowance टैक्स फ्री होता है लेकिन केवल बिल और कंपनी पॉलिसी के अनुसार क्लेम किया जा सकता है.
कंपनी आपके मेडिकल खर्च की भरपाई के लिए Medical Allowance देती है. बिल जमा करने पर यह Allowance टैक्स फ्री माना जाता है. सालाना 15000 रुपये तक की मेडिकल बिल राशि पर टैक्स नही लगता.
यह Allowance कर्मचारियों को मोटिवेट करने के लिए दिया जाता है. स्पेशल Allowance पूरी तरह टैक्सेबल है. परफॉर्मेंस बोनस आपकी परफॉर्मेंस के आधार पर मासिक तिमाही या सालाना दिया जाता है.
PF आपकी बेसिक सैलरी और DA का 12 प्रतिशत होता है और उतनी ही राशि कंपनी भी जमा करती है. प्रोफेशनल टैक्स कुछ राज्यों में लागू है और यह सीधे सैलरी से कटता है.