15 May 2025
Satish Vishwakarma
जब हम साउथ इंडिया में हिल स्टेशन की सोचते हैं, तो सबसे पहले ऊटी, मुन्नार या कूर्ग का नाम दिमाग में आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं, इन फेमस डेस्टिनेशन्स से हटकर भी कई ऐसे हिल स्टेशन हैं जो अभी भी लोगों की नजरों से दूर हैं.
तमिलनाडु के शेवरॉय हिल्स में बसा यरकौड़, छोटा सा लेकिन बेहद आकर्षक हिल स्टेशन है. यहां की यरकौड़ लेक, संतरे के बाग और किलियूर फॉल्स इसे एक वीकेंड गेटअवे बनाते हैं. इसे अक्सर "गरीबों का ऊटी" भी कहा जाता है.
यरकौड़
कर्नाटक का अगुंबे साउथ का चेरापूंजी कहलाता है, इसका घना वर्षावन इसे खास बनाता है. यहां की संध्या का सूरज और रेंगते बादल जैसे किसी फैंटेसी मूवी का हिस्सा हों.
अगुंबे
विशाखापट्टनम के पास स्थित अराकू वैली, एक शानदार रेल यात्रा के बाद मिलता है. यहां की आदिवासी संस्कृति, कॉफी के बागान और बोर्रा केव्स सब मिलकर एक अनोखा अनुभव देते हैं.
अराकू वैली
अनामलाई हिल्स में छुपा वलपरई, चाय बागानों और जंगली जानवरों का घर है. वहीं, कोल्ली हिल्स अपने 70 हेयरपिन बेंड्स और रहस्यमयी पौराणिक कहानियों के लिए मशहूर है.
वलपरई और कोल्ली हिल्स
केरल के ये दो हिल स्टेशन वाकई कमाल हैं. वागामोन में आपको चीड़ के जंगल, हरे-भरे घास के मैदान और बादलों में लिपटी घाटियां मिलेंगी. तो वहीं तेनमला, भारत का पहला इको-टूरिज्म डेस्टिनेशन है, जहां ट्रेकिंग, माउंटेन बाइकिंग और नेचर वॉक्स हैं.
वागामोन और तेनमला
यह ऊटी और कून्नूर जितना पॉपुलर तो नहीं है, लेकिन कोटागिरी उन लोगों के लिए है जो भीड़ से दूर रहना पसंद करते हैं. कैथरीन फॉल्स और पुरानी ट्रेल्स इसे खास बनाते हैं. वहीं, बाबाबुदनगिरी कॉफी की शुरुआत और रहस्यमयी ट्रेकिंग रूट्स के लिए जाना जाता है.
कोटागिरी और बाबाबुदनगिरी