इस तरह के ऐप्स आपके फोन की बैटरी लाइफ कर देते हैं कम

17  May 2025

Pradyumn Thakur

गूगल मैप्स जैसे ऐप्स जीपीएस का इस्तेमाल करते हैं. ये बैटरी का कंजप्शन ज्यादा करते हैं. इसके अलावा उबर जैसे ऐप्स भी लोकेशन ट्रैकिंग से बैटरी का कंजप्शन अधिक करते हैं.

लोकेशन बेस्ड ऐप्स

फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और टिकटॉक बैकग्राउंड में रिफ्रेश होकर बैटरी अधिक खाते हैं.

सोशल मीडिया ऐप्स

ये ऐप्स बार-बार डाटा अपडेट करते हैं. इससे बैटरी जल्दी खत्म होती है. सोशल मीडिया के नोटिफिकेशन भी बैटरी पर असर डालते हैं.

डेटा फेचिंग

यूट्यूब, स्पॉटिफाई और नेटफ्लिक्स जैसे ऐप्स डेटा स्ट्रीमिंग से बैटरी खर्च करते हैं. वीडियो चलाने में फोन की प्रोसेसिंग ज्यादा होती है. यह बैटरी कम करती है.

स्ट्रीमिंग ऐप्स

हाई ग्राफिक्स वाले गेम फोन के प्रोसेसर को ज्यादा यूज करते हैं. गेम में ग्राफिक्स कार्ड भी ज्यादा काम करता है. इससे बैटरी जल्दी खत्म होती है.

गेमिंग ऐप्स

फिटबिट और गार्मिन जैसे ऐप्स जीपीएस और हार्ट रेट ट्रैकिंग से बैटरी खाते हैं. फिटनेस ट्रैकर जो फोन से कनेक्ट होते हैं वो बैटरी पर असर डालते हैं.

फिटनेस ऐप्स