06 June 2025
VIVEK SINGH
आजकल लोग अपनी कार या बाइक के लिए खास नंबर चाहते हैं. ये नंबर अक्सर डेट ऑफ बर्थ, कोई लकी नंबर या यूनिक सीरीज होते हैं, जिन्हें VIP नंबर कहा जाता है.
0001, 0007, 0786, 1111, 9999 जैसे नंबर VIP या फैंसी नंबर की श्रेणी में आते हैं. ये नंबर आमतौर पर सामान्य रजिस्ट्रेशन में नहीं मिलते हैं.
कौन-कौन से होते हैं VIP नंबर?
VIP नंबर लेने के लिए parivahan.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होता है. यहां राज्य परिवहन विभाग की प्रक्रिया के अनुसार रजिस्ट्रेशन किया जाता है.
कैसे होता है VIP नंबर का रजिस्ट्रेशन?
ऑनलाइन फॉर्म भरें, पसंदीदा नंबर चुनें और आवेदन शुल्क जमा करें. अगर नंबर अवेलेबल है तो सीधा अलॉट हो जाता है, वरना बोली प्रक्रिया होती है.
क्या होता है ऑनलाइन प्रोसेस?
फीस नंबर की रैंकिंग और डिमांड पर निर्भर करती है. आमतौर पर ₹2,000 से ₹2 लाख तक चार्ज लिया जाता है. कुछ नंबरों के लिए बोली भी लगती है.
कितनी होती है VIP नंबर की फीस? र्स के लिए मिलेगा लोन?
अगर किसी VIP नंबर के लिए एक से ज्यादा लोग अप्लाई करते हैं तो ऑनलाइन बोली लगती है. जो सबसे ज्यादा बोली लगाता है, उसे वो नंबर मिल जाता है.
क्या होता है नीलामी (Auction)?
ऐसे नंबर से गाड़ी यूनिक दिखती है और पहचान बनती है. कुछ लोग इसे शुभ मानते हैं तो कुछ स्टेटस सिंबल के तौर पर भी लेते हैं.
VIP नंबर लेने के फायदे
हमेशा सरकारी वेबसाइट से ही आवेदन करें. फर्जी एजेंट या वेबसाइट से बचें. अपनी राशि और नंबर की उपलब्धता को पहले अच्छे से जांच लें.
आवेदन से पहले क्या रखें ध्यान