24 May 2025
Satish Vishwakarma
आज के समय में करोड़ों लोग डायबिटीज, प्री-डायबिटीज या इंसुलिन रेजिस्टेंस से जूझ रहे हैं. ये समस्या थकान, चिड़चिड़ापन और चक्कर तक ला सकती है. लेकिन खुशखबरी ये है कि एक्सरसाइज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है.
व्यायाम करने से शरीर बेहतर तरीके से ग्लूकोज को प्रोसेस करता है. इससे ब्लड शुगर कम होता है और शरीर की इंसुलिन को कम करने की क्षमता बढ़ती है. ये वजन घटाने में भी मदद करता है, जो शुगर कंट्रोल के लिए सबसे जरूरी कदम है.
एक्सरसाइज क्यों है जरूरी?
तेज चलना, दौड़ना या साइक्लिंग जैसे मीडियम से हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज करने से प्री-डायबिटीज को रोका या धीरे-धीरे ठीक किया जा सकता है. लेकिन इसके लिए कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक नियमित अभ्यास जरूरी है.
तेज और नियमित एक्सरसाइज से फर्क दिखता है
वजन उठाने जैसी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में कार्डियो से भी ज़्यादा असरदार हो सकती है. ये मांसपेशियां मजबूत करती है और इंसुलिन के असर को बेहतर बनाती है.
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को न करें नजरअंदाज
हल्के वजन से एक्सरसाइज करने के बजाय थोड़े भारी वजन से ट्रेनिंग करना ज्यादा फायदेमंद है. इससे शरीर ज्यादा मेहनत करता है और ब्लड शुगर बेहतर तरीके से घटता है.
हल्के वजन उठाना है फायदेमंद
अगर आपको इंसुलिन रेजिस्टेंस या डायबिटीज है, तो खाने के 30 मिनट बाद एक्सरसाइज करना बेहतर होता है. इससे खाना खाने के बाद शुगर लेवल बढ़ने से रोका जा सकता है.
एक्सरसाइज का सही समय क्या है?
सुबह वर्कआउट करने से पहले बहुत अधिक कार्बन लें. हल्का ब्रेकफास्ट लें जिसमें फल, सब्जियां या होल ग्रेन जैसे हेल्दी कार्ब और थोड़ा प्रोटीन हो.
अगर सुबह करते हैं वर्कआउट तो ध्यान रखें
प्री-डायबिटीज या शुरुआत की डायबिटीज को एक्सरसाइज और डाइट से कंट्रोल करना आसान होता है. समय रहते एक्सरसाइज शुरू करें और रोज़ाना एक्टिव रहें. यही सबसे बड़ा इलाज है.
अब से ही शुरू करें