16 May 2025
Satish Vishwakarma
आजकल हर कोई नया स्मार्टफोन खरीदते वक्त कैमरा, डिजाइन और ब्रांड तो देखता है, लेकिन एक जरूरी चीज अक्सर नजरअंदाज कर देता है और वह है फोन की रैम. रैम हमारे फोन की परफॉर्मेंस का असली हीरो होती है.
रैम (RAM) यानी कि रैंडम एक्सेस मेमोरी. यह हमारे फोन की वर्किंग मेमोरी होती है. जब हम अपने फोन में कोई ऐप खोलते हैं, तो वह इसी रैम में लोड होता है.
क्या होती रैम है?
हमारे फोन में जितनी ज्यादा रैम होगी, फोन उतना ही तेजी से काम करेगा. यानी यह हमारे फोन की स्पीड तय करती है.
रैम क्या तय करती है
अगर आपको एक साथ व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और गेम्स चलाने की आदत है, तो ज्यादा रैम जरूरी है. वरना फोन हैंग कर सकता है.
ज्यादा रैम = ज्यादा ऐप्स एक साथ
अगर आप गेम्स खेलते हैं या फोटो या फिर वीडियो एडिटिंग करते हैं, तो कम से कम 6GB या 8GB रैम वाला फोन चुनें ही चुनें.
गेमिंग और हैवी ऐप्स के लिए जरूरी
अगर हमारे फोन की रैम कम है, तो हमारा फोन स्लो चलता है. ऐप्स बार-बार क्रैश होते हैं. बैकग्राउंड ऐप्स ऑटोमैटिक बंद हो जाते हैं.
कम रैम वाले फोन में दिक्कत
हालांकि यह भी ध्यान देना चाहिए कि हमारे फोन की रैम जितनी ज्यादा होगी, फोन थोड़ा महंगा होगा. लेकिन अगर आप फ्यूचर के हिसाब से खरीद रहे हैं, तो ये स्मार्ट इन्वेस्टमेंट है.
ज्यादा रैम मतलब ज्यादा कीमत