8 June 2025
Tejaswita Upadhyay
अगर आपकी तनख्वाह में इजाफा नहीं हो रहा और फिर भी आप सेविंग्स बढ़ाना चाहते हैं, तो जवाब है — माइंडसेट में बदलाव. जानिए 6 ऐसी साइकोलॉजिकल ट्रिक्स जो आपकी सेविंग्स को चुपचाप बढ़ा सकती हैं.
हर अनावश्यक खर्च को एक नुकसान की तरह देखें. जैसे—"अगर ये 700 रु बचा लेता तो एक SIP हो जाती". दिमाग को नुकसान से डर लगता है, इस डर को सेविंग में बदलें.
खर्च को 'सेविंग पेन' से जोड़ें
सेलरी का एक हिस्सा सीधे ऐसे अकाउंट में ट्रांसफर करें जिसे आप डेली नहीं देखते. जब पैसा आंखों से दूर होगा, तो खर्च की आदत भी कंट्रोल में रहेगी.
'आउट ऑफ साइट, आउट ऑफ मनी'
हर खर्च को जरूरी, फिजूल और टाल सकने योग्य कैटेगरी में बांटें. इससे आपको खुद-ब-खुद समझ आने लगेगा कि कौनसे खर्च वाकई में आपके फाइनेंशियल गोल्स के दुश्मन हैं.
खर्च को कैटेगरी में डालना शुरू करें
बचत का मतलब खुद से सब कुछ छीनना नहीं है. एक सिस्टम बनाएं — "अगर इस हफ्ते 2,000 रु सेव किए तो 200 की ट्रीट". इससे सेविंग्स आपके लिए बोझ नहीं, गेम बन जाएगी.
खुद को छोटे रिवॉर्ड्स दें
हर महीने एक दिन निकालिए जब आप अपने सब्सक्रिप्शन, ऑटो-डेबिट्स और EMI चेक करें. जो गैरजरूरी है, उसे तुरंत बंद करें. माइंडली, ये एक्ट आपको कंट्रोल का अहसास दिलाता है.
सब्सक्रिप्शन और EMI का 'Review Day' तय करें
Instant gratification से बचिए. जो चीज आज चाहिए, उसे 24 घंटे बाद भी चाहिए या नहीं. ये देखिए. ज्यादातर बार, इच्छा खुद ही मर जाती है और सेविंग बढ़ जाती है.
खर्च से पहले 24 घंटे रुकने की आदत डालें
सैलरी वही रह सकती है, लेकिन सोच बदलकर आप सेविंग्स को ऊपर ले जा सकते हैं. ये ट्रिक्स आपको पैसों को कंट्रोल करने में मदद करेंगी और एक दिन वही पैसे आपको फ्रीडम देंगे.
माइंड की चाल से मनी की चाल बदलें