30 May 2025
Satish Vishwakarma
कभी-कभी आलू का छिलका उतारने पर अंदर से वह थोड़ा हरा दिखता है. ज़्यादातर लोग इसे पकाकर खा लेते हैं. पर कई लोग इसे जहर जैसा बताते हैं, कहते हैं कि हेल्थ के लिए नुकसान दायक होता हैं. ऐसे में आइए जानते हैं क्या वाकई में है ऐसा.
दरअसल आलू का जो हिस्सा खेत में मिट्टी से बाहर रह जाता है, वही सूरज की रोशनी में हरा हो जाता है. आमतौर पर इससे कुछ नहीं होता, लेकिन कुछ मामलों में यह नुकसानदायक भी हो सकता है.
हरा आलू होने का कारण क्या है?
अमेरिका के वैज्ञानिक मैरी मैकमिलन और जेसी थॉम्पसन ने बताया कि हरा आलू हमेशा जहर नहीं होता. लेकिन 1979 में लंदन में हरे आलू खाने से 78 बच्चे बीमार हो गए थे. उन्हें उल्टी-दस्त, पेट दर्द और तेज बुखार हुआ था.
क्या कहती है रिपोर्ट
हालांकि हरा रंग बनने के साथ ही आलू में सोलानाइन नाम का जहरीला पदार्थ भी बनता है. ये ग्लाइकोअल्कलॉइड्स नाम के जहरीले तत्वों में आता है. ये मुंह में कड़वापन, जलन और पेट की गड़बड़ी कर सकता है.
जहरीला होता है सोलानाइन
जब हम आलू धूप में रखते है या फिर जब उसमें से छोटे-छोटे तने यानी की उसका अंकुरण होने लगता है.
सोलानाइन कब बनता है?
वैसे हमें बहुत ज़्यादा हरा दिखने वाला आलू नहीं खाने चाहिए. इसके अलावा ऐसे आलू जो अंकुरित हो गए हैं, उन्हें भी नहीं खाना चाहिए.
किस तरह का आलू न खाएं?
आलू के हरे हिस्से और अंकुर को अच्छे से काट दें. हमेशा आलू का छिलका जरूर हटाएं. इसके अलावा जब हम आलू को उबालते, भूनते या तलते हैं, तो उसमें से सोलानाइन की मात्रा कम हो जाती है.
कैसे करें इस्तेमाल
हल्का हरा आलू नुकसान नहीं करता, पर अंकुर वाले आलू खाने से बचे. इसे पकाने से खतरा कम होता है, फिर भी सड़ा आलू न खाएं. बच्चों, बुज़ुर्गों और बीमार लोगों को हरे आलू से दूर रखें.
याद रखें