कार खरीदने समय अपनाएं ये फॉर्मूला, बिना लोन बोझ के बने कार मालिक

4 June 2025

VIVEK SINGH

कार खरीदना एक बड़ी फाइनेंशियल जिम्मेदारी है. बिना प्लानिंग के लोन लेना भविष्य में परेशानी ला सकता है. इसलिए खरीदने से पहले बजट, इनकम और खर्च का आंकलन जरूर करें.

   पहले करें सही प्लानिंग

इस फॉर्मूले के अनुसार आपको कार का 20 प्रतिशत डाउन पेमेंट देना चाहिए, ईएमआई सैलरी की 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और लोन टेन्योर 4 साल से अधिक नहीं रखना चाहिए.

  समझिए 20/10/04 फॉर्मूला क्या है

जिनकी सैलरी ज्यादा है उनके लिए 50/20/04 बेहतर है. इसमें कार की कीमत सालाना इनकम की 50 प्रतिशत होनी चाहिए और लोन टेन्योर 4 साल से ज्यादा नहीं रखना चाहिए.

  जानिए किसके लिए है 50/20/04 फॉर्मूला

ज्यादा डाउन पेमेंट करने से लोन की राशि कम हो जाती है, जिससे ईएमआई पर बोझ नहीं पड़ता. साथ ही ब्याज में भी बचत होती है और फाइनेंशियल स्ट्रेस कम होता है.

  डाउन पेमेंट क्यों है जरूरी

लोन लेने के बाद आपकी मासिक किस्त यानी ईएमआई आपकी टेक होम सैलरी का 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इससे दूसरे खर्चों पर असर नहीं पड़ेगा.

  ईएमआई रखें इनकम के अनुसार

कार का लोन टेन्योर ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए. अधिकतम 4 साल का टेन्योर रखें, ताकि जल्दी लोन खत्म हो और ब्याज में ज्यादा पैसा न देना पड़े.

  लोन टेन्योर रखें सीमित

कार लोन लेने से पहले सिबिल स्कोर जरूर जांचें. 750 से ऊपर स्कोर हो तो लोन जल्दी मिलेगा और बेहतर ब्याज दर पर मिलेगा. कम स्कोर पर लोन मिलना मुश्किल होता है.

  सिबिल स्कोर पर दें खास ध्यान

अगर आप 10 लाख की कार पर 2 लाख डाउन पेमेंट करते हैं और 4 साल के लिए 8 लाख का लोन लेते हैं, तो आपकी EMI 18932 रुपये होगी और ब्याज सिर्फ 1.10 लाख के करीब रहेगा.

  उदाहरण से समझें फायदा