31 May 2025
Satish Vishwakarma
अगर आप भी हर दिन मल्टीविटामिन या कोई और सप्लीमेंट लेते हैं, ये सोचकर कि इससे आपकी सेहत बेहतर होगी, तो रुकिए और सोचिए कि क्या वाकई इसकी जरूरत है या कहीं ये आपके शरीर को नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा है.
आजकल हर जगह सप्लीमेंट्स के प्रचार भरे हुए हैं. सोशल मीडिया से लेकर हेल्थ ब्लॉग तक. लेकिन सिर्फ इसलिए कि वो नेचुरल है या हेल्थ स्टोर में बिक रहा है, इसका मतलब ये नहीं कि वो पूरी तरह सेफ है. खासकर जब बात लिवर और किडनी की हो.
नेचुरल का मतलब सेफ नहीं
हमारा लिवर हर चीज को प्रोसेस करता है, हम जो खाते या पीते हैं इसमें शामिल हैं दवाइयां और सप्लीमेंट्स भी. अगर हम जरूरत से ज्यादा विटामिन A और ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट या प्रोटीन लेते हैं, तो लिवर पर बहुत दबाव पड़ता है.
शरीर का डिटॉक्स बॉस
कभी कभी कुछ मामलों में ऐसा भी होता है कि हमारे लिवर में इस एक्ट्रा दबाव के कारण लिवर में सूजन या फिर लिवर फेलियर भी हो सकते हैं.
हो सकता है लिवर फेलियर!
किडनी हमारे खून को साफ करती है और वेस्ट को यूरिन के जरिए बाहर निकालती है. अगर हम ज्यादा कैल्शियम, विटामिन D या प्रोटीन लेते हैं, तो किडनी को बहुत ज्यादा काम करना पड़ता है.
किडनी की मेहनत
किडनी पर ज्यादा दबाव पड़ने से किडनी स्टोन या किडनी डैमेज तक हो सकता है. खास बात ये भी है कि जिनकी किडनी पहले से कमजोर है, उन्हें ज्यादा खतरा होता है.
क्या हो सकता है?
विटामिन ए का सप्लीमेंट लेने से सिरदर्द, लिवर डैमेज और प्रेगनेंसी में बच्चे को नुकसान हो सकता है. आयरन का सप्लीमेंट लेने से उल्टी, जी मिचलाना और अंगों को नुकसान हो सकता है. वहीं हर्बल सप्लीमेंट्स से हल्दी या ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट ज़्यादा मात्रा में लेने से लिवर डैमेज हो सकता है.
ज्यादा सप्लीमेंट्स से होने वाले नुकसान
सप्लीमेंट्स के साइड इफेक्ट्स तुरंत नहीं दिखते. कई बार महीनों या सालों बाद पता चलता है जब अंग काम करना बंद करने लगते हैं. क्योंकि ये दवाओं की तरह रेग्युलेटेड नहीं होते, इनमें मिलावट या गलत डोज का खतरा भी रहता है.
हो सकता है बड़ा नुकसान!