30 June 2025
Satish Vishwakarma
उत्तर भारत में मानसून का सीजन आ गया है. देश के कई राज्यों के अलग-अलग हिस्सों में तेज बारिश हो रही है. ऐसे में पहाड़ी इलाकों में हरियाली छा गई है. जहां कुछ जगहों पर मानसून सीजन किसी जन्नत से कम नहीं लगता, तो वहीं कुछ जगहों पर भारी बारिश के चलते जानमाल की क्षति हुई है.
ऐसे में अगर आप इस मानसून सीजन में घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो IMD की एडवाइजरी जरूर चेक करते रहें. ऐसे मौसम में कुछ स्थानों की यात्रा से बचना ही बेहतर होता है. आइए जानते हैं, किन जगहों पर इस समय जाना खतरे से खाली नहीं है.
इन जगहों पर न जाएं
भारी बारिश के दौरान भूस्खलन और ट्रेल्स फिसलन भरे हो जाते हैं. मानसून में पहाड़ी क्षेत्रों, खासकर ट्रेकिंग रूट्स पर जाना खतरनाक हो सकता है क्योंकि यहां पहाड़ टूटकर गिरने और रास्तों के बंद होने जैसी समस्याएं आम होती हैं.
उत्तराखंड में ट्रेकिंग वाले रास्ते
अगर आप रोमांचक ट्रिप के लिए उत्तराखंड जा रहे हैं, तो रूपकुंड, पिंडारी ग्लेशियर, केदारकंठा जैसी जगहों पर जुलाई-अगस्त के दौरान बिल्कुल न जाएं. ये ट्रेकिंग रूट्स बारिश के मौसम में बंद कर दिए जाते हैं.
जून-जुलाई में ट्रेकिंग ट्रिप
जून में लद्दाख जाना सबसे बेहतर होता है, लेकिन जुलाई में बारिश के कारण जोजिला पास और रोहतांग पास पर मिट्टी धंसने की घटनाएं आम हो जाती हैं. अधिक बारिश के चलते यहां की सड़कें बंद हो सकती हैं.
लेह-लद्दाख रोड ट्रिप्स
पश्चिम बंगाल में स्थित सुंदरबन पर्यटकों के लिए आकर्षक है, लेकिन मानसून में यहां के दलदली इलाकों में कीचड़, जलभराव और मच्छरों की भरमार होती है. इस मौसम में बोट सफारी भी बाधित हो सकती है.
सुंदरबन, पश्चिम बंगाल
बरसात में जलप्रपातों की धारा तेज हो जाती है और जलस्तर अचानक बढ़ जाता है. झारखंड और छत्तीसगढ़ के कई जलप्रपात क्षेत्रों में पानी की तेज धाराओं के कारण दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है.
वॉटरफॉल
वॉटर एडवेंचर के शौकीनों के लिए गोवा एक पसंदीदा जगह है, लेकिन जुलाई में यहां भारी बारिश होती है. इस मौसम में बीच पर तैराकी और वॉटर स्पोर्ट्स पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. कई शैक्स और क्लब भी बंद रहते हैं.
गोवा के समुद्र तट