केरल के इस हिडन प्लेस में ले हिल स्टेशन का मजा

31  May 2025

Satish Vishwakarma

जब केरल में बारिश की बूँदें गिरती हैं, तो हर जगह हरियाली खिल उठती है. नदियां, झरने, पहाड़ और बैकवाटर सब कुछ और भी हसीन लगने लगता है. मानसून के मौसम में केरल घूमना किसी जादुई सफर से कम नहीं होता.

हिल स्टेशन 

मुन्नार की वादियां बारिश में और भी सुंदर हो जाती हैं. चाय के बागानों पर गिरती बारिश और कोहरे में लिपटे पहाड़ दिल को सुकून देते हैं. झरनों की आवाज और ताजी चाय की खुशबू हर पल को खास बना देती है. 

मुन्नार 

अल्लेप्पी के बैकवाटर पर जब बारिश की बूंदें गिरती हैं, तो माहौल एकदम जादुई हो जाता है. नारियल के पेड़ों के बीच से गुजरती हाउसबोट की सैर बहुत सुकून देती है. 

अल्लेप्पी

वायनाड की बारिश इसकी वादियों को हरियाली से भर देती है. मीन्मुट्टी और सूचिपारा जैसे झरनों तक ट्रेक करना और भी मजेदार हो जाता है. यहां के वन्यजीव अभयारण्य भी मानसून में जीवन से भर जाते हैं.

वायनाड 

थेक्कड़ी का पेरीयार वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी मानसून में हरा-भरा स्वर्ग बन जाता है. मसालों की खुशबू और गीली मिट्टी की सौंधी महक इस सफर को और यादगार बना देती है. जंगल सफारी, बांस की राफ्टिंग और प्लांटेशन वॉक भी बारिश में ज़्यादा रोमांचक लगते हैं. 

थेक्कड़ी 

वर्कला की चट्टानों से बारिश में समंदर का नजारा बहुत ही शांत और सुकूनभरा होता है. कम भीड़ और बारिश से भीगे समुद्री नजारे यहां की कैफे में बैठकर देखना एक अलग ही अनुभव देता है. 

वर्कला

अथिरप्पिल्ली जलप्रपात मानसून में पूरी ताकत से बहता है. इसे देखना किसी फिल्मी सीन जैसा लगता है. आसपास के वनों और वाझाचल फॉल्स के साथ यह जगह प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए किसी खजाने से कम नहीं होती. 

अथिरप्पिल्ली 

केरल की बारिश सिर्फ भीगने का नहीं, जीने का एहसास कराती है. मुन्नार की चाय, अल्लेप्पी की नाव, वायनाड के झरने या अथिरप्पिल्ली का शोर  हर जगह अपनी एक अलग कहानी सुनाती है. 

 मानसून में केरल