26 May 2025
Satish Vishwakarma
हम रोज जो काम करते हैं, उनमें से कई चीजें हमारे शरीर और दिमाग की सेहत को चुपचाप नुकसान पहुंचाती हैं. अच्छी बात ये है कि आदतें बदली जा सकती हैं, बस धीरे-धीरे और समझदारी से. चलिए जानते हैं वो कौन-सी आदतें हैं जिन्हें छोड़ना जरूरी है.
हमारे शरीर का करीब 60 फीसदी हिस्सा पानी है. ऐसे में अगर हम ठीक से पानी नहीं पीते, तो थकान, चिड़चिड़ापन और स्किन ड्रायनेस जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. पीला पेशाब इस बात का संकेत है कि हम सही मात्रा में पानी नहीं पी रहे हैं.
कम पानी पीना
सोने से ठीक पहले खाना खाने से पाचन धीमा होता है और फैट ज्यादा जमा होता है. इससे वजन बढ़ता है और नींद भी खराब होती है. कोशिश करें कि सोने के 2 से 3 घंटे पहले खाना खा लें.
देर रात खाना
अगर हम दिन भर बैठे रहते हैं और एक्सरसाइज नहीं करते, तो हमें मोटापा, डायबिटीज और दिल की बीमारियों का खतरा हो सकता है. हर दिन कम से कम 30 मिनट चलना या हल्की कसरत करना जरूरी है.
शारीरिक गतिविधि की कमी
नींद पूरी न होने से इम्युनिटी घटती है, मूड खराब रहता है और याददाश्त पर असर पड़ता है. वयस्कों को रोज 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी होती है. नींद की कमी से वजन बढ़ने की संभावना भी रहती है.
नींद में कटौती
रेस्टोरेंट और पैक्ड फूड में नमक बहुत ज्यादा होता है. कोशिश करें कि ताजा घर का खाना खाएं और स्वाद के लिए नमक की बजाय नींबू, मसाले या हर्ब्स का इस्तेमाल करें.
अधिक नमक खाना
लो-फैट, शुगर-फ्री या ग्लूटेन-फ्री टैग वाले फूड हमेशा हेल्दी नहीं होते. कई बार इनमें ज्यादा चीनी या आर्टिफिशियल चीजें होती हैं. फल और सब्ज़ियों जैसे बिना पैकेज वाले फूड सबसे अधिक हेल्दी होते हैं.
प्रोसेस्ड फूड
जब हम काम करते हुए खाते हैं, तो दिमाग यह नहीं समझ पाता कि पेट भर चुका है. इससे हम जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं. खाने के वक्त सिर्फ खाने पर ध्यान दें, मोबाइल और लैपटॉप बंद रखें.
डेस्क पर बैठकर खाना
मीठा पूरी तरह से छोड़ना फायदेमंद नहीं होता. इससे हमारी क्रेविंग और बढ़ सकती है. संतुलित मात्रा में डार्क चॉकलेट या थोड़ा आइसक्रीम खाना कभी-कभी ठीक है. जरूरत है संतुलन की, न कि पाबंदी की.
डेजर्ट से दूरी