मानसून में ऐसे बचाएं अपनी सब्जियों का बगीचा 

12 July 2025

Satish Vishwakarma

मानसून का मौसम बागवानी करने वालों के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं होता. जहां एक तरफ बारिश पौधों को जरूरी नमी देती है, वहीं अधिक पानी सब्जियों के बगीचे को नुकसान भी पहुंचा सकता है. आइए जानते हैं ऐसे ही आसान टिप्स जो मानसून में आपके बगीचे की रक्षा करेंगे.

मानसून का मौसम 

बरसात के मौसम में ऐसी सब्जियां लगाएं जो ज्यादा नमी को सहन कर सकें. जैसे पालक, सरसों, मूली और शलजम. ये सब्जियां गीली मिट्टी में भी अच्छे से बढ़ती हैं. वहीं टमाटर, आलू और गाजर जैसी सब्जियां ज्यादा पानी से जल्दी खराब हो सकती हैं.

मानसून के लिए सही सब्जियों का चुनाव करें

अगर मिट्टी में पानी भर गया तो पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं. इससे बचने के लिए बगीचे की क्यारियां जमीन से 6 से 12 इंच ऊंची बनाएं. नीचे कंकड़ या रेत की परत डालने से पानी और जल्दी निकल जाता है.

 क्यारियों को ऊँचा बनाएं

पौधों के आसपास सूखी घास, पत्तियां या भूसे की परत बिछाएं. इससे मिट्टी की ऊपरी परत बहती नहीं है और बारिश की बौछार से पौधों की जड़ें भी सुरक्षित रहती हैं. साथ ही मिट्टी में नमी बनी रहती है.

 गीली घास या पत्तों से मल्चिंग करें

तेज हवा और बारिश में लंबे या बेल वाले पौधे जैसे टमाटर, सेम और खीरा गिर सकते हैं. इन्हें बांस की छड़ी या तार की जाली से सहारा दें ताकि ये सीधे खड़े रहें और फल जमीन से दूर रहें.

 पौधों को सहारा दें

अगर पौधे बहुत पास-पास लगे होंगे तो हवा का आना-जाना रुक जाता है, जिससे पत्तों में नमी बनी रहती है और फंगल इंफेक्शन हो सकता है. इसलिए पौधों की ठीक से छंटाई करते रहें और उन्हें खुला रखें.

 पौधों को सही दूरी पर लगाएं 

मानसून में नमी की वजह से फंगस और कीड़े जल्दी फैलते हैं. जैसे पत्तों पर सफेद धब्बे, पीलेपन या सूखना. हर रोज पौधों की जांच करें और समय रहते घरेलू जैविक उपाय करें, जैसे नीम तेल या लहसुन का स्प्रे.

कीड़ों और बीमारियों पर नजर रखें

अगर बारिश बहुत तेज हो रही हो तो पौधों पर प्लास्टिक शीट या नेट लगाएं. इससे बारिश सीधे पत्तों पर नहीं पड़ेगी और पौधे टूटने से बचेंगे. नेट हवा भी आने देता है और पानी की मार से बचाता है.

छांव जाल या प्लास्टिक शीट से ढकें