1June 2025
Satish Vishwakarma
अक्सर घर में आलू ज्यादा दिनों तक रखे रहने पर उसमें अंकुर यानी छोटे सफेद तने निकल आते हैं. कुछ लोग सोचते हैं कि इनका सिर्फ छीलकर इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन क्या वाकई ऐसा करना सेहत के लिए सही है.
जब आलू अंकुरित होता है तो उसमें एक केमिकल चेंज शुरू हो जाता है. इसमें मौजूद स्टार्च, शुगर में बदलने लगता है. इसी दौरान उसमें सोलानिन और चाकोनिन नाम के जहरीले तत्व बनने लगते हैं. जो सेहत के लिए खतरनाक है.
अंकुरित आलू
अगर आलू का कुछ हिस्सा हल्का हरा दिखाई दे रहा है, तो वो भी सेफ नहीं है. ऐसे हिस्से में जहर बढ़ जाता है. खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है. खाना ही है तो हरे हिस्से को अच्छे से काटकर हटा दें.
हरे रंग वाले आलू से भी बचें
अगर आलू हल्का अंकुरित है, नया है और ना ही सूखा या झुर्रीदार है, तो अंकुर हटाकर इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन अगर वो सिकुड़ गया है, पुराना लग रहा है या बहुत नरम है तो उसे फेंक देना ही बेहतर है.
कब आलू खाना ठीक
जैसे-जैसे सोलानिन और चाकोनिन शरीर में जाते हैं, वैसे-वैसे असर दिखना शुरू होता है. इससे हमें उल्टी डायरिया पेट में दर्द जैसे गंभीर स्थिति हो जाती है.
सेहत पर असर
अगर कभी-कभार गलती से थोड़ा अंकुरित आलू खा लिया जाए तो कोई बड़ी दिक्कत नहीं होती. लेकिन अगर बार-बार ऐसा आलू खाया जाए, तो पेट की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह और भी खतरनाक है.
लगातार सेवन से बढ़ सकता है खतरा
आलू को ठंडी लेकिन सूखी जगह पर रखें. इसे सूरज की सीधी रोशनी से दूर रखें. साथ ही प्याज से अलग रखें क्योंकि प्याज गैस छोड़ता है जिससे आलू जल्दी अंकुरित होता है.
आलू को अंकुरित होने से कैसे रोकें
अगर अंकुरित आलू खाने लायक नहीं है, तो उसे फेंकने की बजाय बगीचे में लगाकर नया पौधा उगाया जा सकता है. इससे न केवल जहर से बचेंगे, बल्कि अगली फसल की तैयारी भी हो जाएगी.
बचा हुआ अंकुरित आलू बर्बाद न करें