5 July 2025
Vinayak Singh
अगर आप शेयर मार्केट में दिलचस्पी रखते हैं, तो इन दोनों शब्दों के बारे में अक्सर सुनते होंगे. आज हम आपको बताएंगे कि इन दोनों में क्या अंतर है.
स्टॉक स्प्लिट और बोनस इश्यू के बीच मुख्य अंतर यह है कि स्टॉक स्प्लिट में मौजूदा शेयरों को छोटे हिस्सों में विभाजित किया जाता है, जबकि बोनस इश्यू में कंपनी अपने रिजर्व्स से नए शेयर जारी करती है.
क्या है अंतर
स्टॉक स्प्लिट एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कंपनी प्रत्येक मौजूदा शेयर को कई हिस्सों में विभाजित कर देती है. उदाहरण के लिए, यदि कोई कंपनी 2:1 के अनुपात में स्टॉक स्प्लिट करती है, तो आपके 1 शेयर के बदले आपको 2 शेयर मिलते हैं.
स्टॉक स्प्लिट क्या है
बोनस शेयर वे अतिरिक्त शेयर होते हैं, जो कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को मुफ्त में देती है. ये शेयर कंपनी के रिजर्व्स से जारी किए जाते हैं. जैसे, 1:1 के बोनस इश्यू का अर्थ है कि जितने आपके पास शेयर हैं, उतने ही अतिरिक्त शेयर और मिलेंगे.
बोनस शेयर क्या है
स्टॉक स्प्लिट का उद्देश्य शेयर की कीमत को घटाकर उसे छोटे निवेशकों के लिए सुलभ बनाना होता है, जिससे लिक्विडिटी बढ़ती है. वहीं, बोनस इश्यू का उद्देश्य शेयरधारकों को डिविडेंड के बजाय अतिरिक्त शेयरों के रूप में लाभ देना होता है.
कंपनी ऐसा क्यों करती है
स्टॉक स्प्लिट तब किया जाता है, जब शेयर की कीमत इतनी अधिक हो जाती है कि वह छोटे निवेशकों की पहुंच से बाहर हो जाए. जबकि बोनस इश्यू तब किया जाता है, जब कंपनी अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा शेयरधारकों को वितरित करना चाहती है.
कौन है बेहतर
स्टॉक स्प्लिट और बोनस इश्यू दोनों पर तत्काल कोई टैक्स नहीं लगता. हालांकि, बोनस शेयरों को बेचते समय कैपिटल गेन्स टैक्स लग सकता है.
टैक्स पर क्या होता है प्रभाव