28 June 2025
Satish Vishwakarma
उत्तर भारत में मानसून का मौसम आ गया है. ऐसे में शाम को स्ट्रीट फूड का लुत्फ उठाने का विचार काफी लुभावना लगता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ स्ट्रीट फूड इस मौसम में हमें नुकसान पहुँचा सकते हैं? ऐसे में आइए जानते हैं कि किन स्ट्रीट फूड से मानसून में बचना चाहिए.
पानी पुरी किसे पसंद नहीं होती! लेकिन मानसून के मौसम में इसमें दूषित पानी के इस्तेमाल की संभावना बढ़ जाती है, जिससे ई-कोली और हैजा जैसे संक्रमण हो सकते हैं.
पानी पुरी
मानसून में स्ट्रीट चाट खाने से बचना चाहिए. सड़क किनारे लगे अधिकतर स्टॉल साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते. साथ ही, उबले आलू और छोले जैसी सामग्री यदि लंबे समय तक बाहर रखी जाए तो पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
चाट
घरेलू पकौड़े खाना तो ठीक है, लेकिन सड़क किनारे बिकने वाले पकौड़े खाने से बचना चाहिए. अक्सर इन्हें बार-बार उपयोग किए गए बचे हुए तेल में तला जाता है, जो बैक्टीरिया को पनपने का कारण बनता है और फूड पॉइजनिंग की संभावना बढ़ जाती है.
पकौड़े
खुले में बिकने वाली कटी हुई फ्रूट चाट मानसून में हानिकारक हो सकती है. खुले वातावरण और नमी की वजह से इनमें बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं. इससे टाइफाइड और अन्य संक्रमण होने का खतरा रहता है.
फ्रूट चाट
दही भल्ले किण्वित दाल से बनाए जाते हैं. यदि घोल अधिक समय तक पड़ा रहे तो उसमें बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं, जिससे दस्त या पेट संबंधी अन्य बीमारियाँ हो सकती हैं.
दही भल्ले
सड़क किनारे मिलने वाली चाऊमिन में कई बार बिना धुली सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही, मानसून में इनमें नमी अधिक होती है जो हानिकारक बैक्टीरिया को जन्म दे सकती है.
चाऊमिन
मोमोज मानसून में जल्दी खराब हो सकते हैं. इनकी भरावन और स्टीमिंग प्रक्रिया बैक्टीरिया के विकास के लिए अनुकूल होती है, जिससे पेट दर्द, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
मोमोज