11 July 2025
Satish Vishwakarma
सुनने में शायद अजीब लगे, लेकिन अगर आप हर दिन सिर्फ 10 मिनट उल्टा चलें, तो आपको कई जबरदस्त फायदे मिल सकते हैं. इसे Retro Walking कहा जाता है और यह शरीर और दिमाग दोनों के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
पीछे चलने से पैरों के ऐसे मसल्स एक्टिव होते हैं जो आगे चलने में कम इस्तेमाल होते हैं. साथ ही, यह पेट की मसल्स को भी मजबूत करता है. इससे शरीर का संतुलन और तालमेल बेहतर होता है, खासकर बुज़ुर्गों के लिए.
बैलेंस और कोऑर्डिनेशन होती है बेहतर
आगे चलना तो हमें आता है, लेकिन पीछे चलना दिमाग को नया काम देता है. इससे ध्यान और सोचने की क्षमता बेहतर होती है. रोज़ाना अभ्यास करने पर मेमोरी तेज होती है और दिमाग की फिटनेस बढ़ती है.
दिमाग होता है तेज
जितना आप आगे चलकर कैलोरी बर्न करते हैं, उतना ही पीछे चलकर 40 फीसदी ज्यादा कैलोरी खर्च होती है. इसका मतलब, कम समय में ज्यादा असरदार एक्सरसाइज.
कैलोरी होती है बर्न
उल्टा चलने से क्वाड्रिसेप्स और ग्लूट्स यानी कूल्हों के मसल्स ज्यादा एक्टिव होते हैं. इससे निचले शरीर की ताकत, स्थिरता और शेप में सुधार होता है.
पैर होते हैं मजबूत
पीछे चलने से शरीर का भार घुटनों के अगले हिस्से से हटता है, जिससे जोड़ों पर कम दबाव पड़ता है. यह घुटनों के दर्द या चोट से उबरने वाले लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है.
घुटनों का दर्द होता है कम
पीछे चलते समय हमें ज्यादा सतर्क रहना पड़ता है, जिससे रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है और कोर मसल्स मजबूत होते हैं. इससे शरीर का पोश्चर यानी चाल-ढाल सुधरती है.
पॉश्चर सुधरता है
पीछे चलना मजेदार होता है और ये आपकी रोज़ की एक्सरसाइज़ में कुछ नया जोड़ता है. इससे मन खुश रहता है और तनाव भी कम होता है.
मूड होता है अच्छा