13 June 2025
Tejaswita Upadhyay
माता-पिता बनना एक खूबसूरत लेकिन चुनौतीपूर्ण अनुभव होता है. ऐसे में कुछ फिल्में हैं जो न सिर्फ भावनाओं को छूती हैं, बल्कि परवरिश के अहम सबक भी देती हैं. आइए जानें ऐसी 6 फिल्मों के बारे में.
इस फिल्म में बच्चों की दोस्ती, आजादी और पेरेंट्स की सोच के टकराव को हल्के-फुल्के अंदाज में दिखाया गया है. ये फिल्म सिखाती है कि बच्चों की आवाज को गंभीरता से लेना कितना जरूरी है.
चिल्लर पार्टी (2011)
एक आम गृहिणी की कहानी जो खुद को साबित करने निकलती है. फिल्म दिखाती है कि बच्चे कैसे अनजाने में माता-पिता को छोटा महसूस करा देते हैं, और कैसे आत्म-सम्मान एक परिवार की नींव होता है.
इंग्लिश विंग्लिश (2012)
डिस्लेक्सिया से जूझते बच्चे की कहानी, जो बताती है कि हर बच्चा अलग होता है. इस फिल्म ने पेरेंटिंग को लेकर देश में नजरिया बदला और यह समझाया कि समझना और साथ देना सबसे जरूरी है.
तारे जमीन पर (2007)
माता-पिता और बच्चे के रिश्ते पर यह शॉर्ट फिल्म गहराई से असर डालती है. डर से लड़ने और खुद पर भरोसा करने की प्रेरणा देने वाली यह फिल्म बगैर डायलॉग्स के भी बहुत कुछ कह जाती है.
पाइपर (2016)
यह फिल्म माता-पिता की संघर्षपूर्ण यात्रा को दिखाती है, जब उनका बच्चा गंभीर बीमारी से जूझता है. इसमें दिखाया गया है कि सीमित वक्त में भी पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए पूरा आसमान बना सकते हैं.
द स्काई इज पिंक (2019)
यह फिल्म माता-पिता की संघर्षपूर्ण यात्रा को दिखाती है, जब उनका बच्चा गंभीर बीमारी से जूझता है. इसमें दिखाया गया है कि सीमित वक्त में भी पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए पूरा आसमान बना सकते हैं.
गुड न्यूज (2019)
इन फिल्मों में सिर्फ मनोरंजन ही नहीं, भावनाएं, समझ और सीख भी छुपी हैं. हर माता-पिता को ये फिल्में जरूर देखनी चाहिए — ताकि वे अपने बच्चों को बेहतर समझ सकें और खुद को भी.
स्क्रीन से मिलें सीखें जिंदगी की