देखते-देखते दिमाग पर कब्जा कर लेंगी ये फिल्में, क्या आप तैयार हैं?

14 June 2025

Tejaswita Upadhyay

क्या आपने कभी कोई फिल्म देखकर खुद से सवाल किया है– "ये मेरा विचार है या फिल्म का असर?" कुछ फिल्में हमारी सोच को गहराई से प्रभावित करती हैं, कभी-कभी तो बिना हमें पता चले.

सोच पर कब्जा?

क्रिस्टोफर नोलन की ये फिल्म सपनों के भीतर सपनों की परतें दिखाकर ये सवाल खड़ा करती है – हम जो सोचते हैं, क्या वो असल में हमारी सोच है या किसी planted idea का नतीजा?

Inception (2010)

एक आदमी की जिंदगी पूरी तरह एक सेट पर कंट्रोल की जाती है. फिल्म इस बात पर वार करती है कि हमारी "हकीकत" वाकई असली है या सिर्फ एक दिखावा जिसे हम मान बैठे हैं?

The Truman Show (1998)

जब आपको लगता है कि कहानी सीधी है, फिल्म तब जाकर अपना असली चेहरा दिखाती है. Fight Club दिखाती है कि कैसे एक आदमी का दिमाग खुद के खिलाफ एक प्लॉट रचता है.

Fight Club (1999)

Leonardo DiCaprio की ये फिल्म देखने वाले को अंत तक भ्रमित रखती है. क्या हीरो सही है या पागल? और क्या हम उस सच पर यकीन करते हैं जो हमें आसान लगता है?

Shutter Island (2010)

ये इंटरएक्टिव फिल्म दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देती है– क्या आप वाकई अपनी पसंद से फैसला ले रहे हैं या फिल्म आपको कंट्रोल कर रही है? एक मेटा-मनिपुलेशन!

Black Mirror: Bandersnatch (2018)

ऐसी फिल्में sub-conscious पर काम करती हैं. जब visuals, emotions और टेढ़े ट्विस्ट मिलते हैं, तब दिमाग सच और भ्रम में फर्क करना बंद कर देता है – यहीं से शुरू होता है माइंड manipulation.

नॉलेज पॉइंट: क्यों असर डालती हैं ये फिल्में?

इन फिल्मों ने लाखों दर्शकों की सोच पर गहरा असर डाला है. अगली बार जब कोई फिल्म देखें, खुद से पूछें– क्या मैं सोच रहा हूं, या ये मेरी इमैजिनेशन है.

अब आपकी बारी